नवादा : जिले के वारिसलीगंज चीनी मिल की जमीन पर देश के अग्रणी औद्योगिक घराना अडानी समूह के द्वारा अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री स्थापित की जा रही है। फैक्ट्री निर्माण का कार्य आधे से अधिक संपन्न हो गया है, लेकिन अब तक नगर परिषद क्षेत्र से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं ली गई है। इस संबंध में 17 फरवरी 2025 को जिलाधिकारी द्वारा नगर परिषद वारिसलीगंज को एनओसी देने के संबंध में पत्र भेजा गया है।
नगर परिषद से अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगे जाने की जानकारी बाद एक बार फिर फैक्ट्री निर्माण के विरोध का स्वर मुखर हो गया है। जिलाधिकारी द्वारा नगर कार्यपालक पदाधिकारी को भेजी गई पत्र में कहा गया है कि निर्माणाधीन सीमेंट फैक्ट्री नगर परिषद क्षेत्र में आता है, इसलिए कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों के अंतर्गत साइड मूल्यांकन और फैक्ट्री लेआउट अनुमोदन का प्रावधान है। सुरक्षा एवं पर्यावरण दृष्टिकोण से सीमेंट ग्रेडिंग यूनिट स्थापित करने के पूर्व आपके स्तर से अनापत्ति प्रमाण पत्र आवश्यक है।
जिलाधिकारी द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगे जाने की जानकारी बाद सीमेंट फैक्ट्री का विरोध कर रहे लोग एक बार फिर मुखर हो गए हैं। शुक्रवार को सीमेंट फैक्ट्री निर्माण का विरोध कर रहे आधा दर्जन लोग नगर कार्यपालक पदाधिकारी से मिलकर अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने की मांग की। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि नगर क्षेत्र में कोई भी भवन निर्माण के पहले नक्शा पास कराने के साथ ही स्वीकृति प्राप्त करनी होती है, जबकि आधे से अधिक निर्माण हो चुके सीमेंट फैक्ट्री भवन निर्माण के लिए नगर परिषद अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया। वहीं फैक्ट्री निर्माण की आधारशिला जुलाई 2024 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गौतम अडानी के द्वारा संयुक्त रूप से रखी गई थी।
नगर परिषद बोर्ड द्वारा फैक्ट्री निर्माण का पहले ही किया जा चुका है विरोध
वारिसलीगंज बाजार में स्थित चीनी मिल की जमीन पर सीमेंट फैक्ट्री बनाए जाने की जानकारी बाद क्षेत्र के कुछ लोगों द्वारा प्रदूषण और जल संकट उत्पन्न होने को लेकर विरोध किया जा रहा था, जो अब भी जारी है। इस दौरान एक मार्च 2024 को नगर परिषद के द्वारा नगर परिषद बोर्ड की बैठक बुलाकर चीनी मिल की जमीन नगर परिषद में होने की बात करते हुए उक्त चीनी मिल जमीन पर सीमेंट फैक्ट्री निर्माण नहीं किए जाने का प्रस्ताव पास कर जिलाधिकारी को भेजा गया था।
कहा गया कि उक्त जमीन नगर परिषद वारिसलीगंज के सघन इलाके में स्थित है, जिससे क्षेत्र वासियों को काफी प्रदूषण का सामना करना पड़ सकता है। जिससे बीमारी बढ़ने की आशंका है। चीनी मिल पर नगर का 28 लाख से अधिक का है बकाया वर्ष 1993 पेराई सत्र के बाद वारिसलीगंज स्थित मोहनी शुगर मिल को बंद कर दिया गया था। चीनी मिल बंद होने के बाद लंबे समय से चीनी निगम द्वारा नगर परिषद वारिसलीगंज को होल्डिंग टैक्स का भुगतान नहीं किया गया है।
25 फरवरी 2025 तक चीनी मिल पर 28,64,849 रुपये भवन कर का बकाया नगर परिषद का है। इस संबंध में पूछे जाने पर कार्यपालक पदाधिकारी समीर कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के द्वारा सीमेंट फैक्ट्री भवन निर्माण के लिए एनओसी देने को कहा गया है, जिस जमीन पर नगर परिषद का बकाया रहने की जानकारी से जिलाधिकारी को अवगत करा दिया गया है, जिसका भुगतान सरकार द्वारा कराए जाने का प्रावधान है।
भईया जी की रिपोर्ट