नवादा : जिले में एक पूजा पंडाल ऐसा है, जहां पुरुषों की एंट्री बैन रहती है। इतना ही नहीं, यहां पूजा-अर्चना से जुड़ी सभी रस्में महिलाएं निभाती हैं। मामला नवादा नगर स्थित महावीर मार्केट में नूतन उदया फाउंडेशन से जुड़ा है। फाउंडेशन ने अपनी अनूठी परंपरा को बरकरार रखते हुए इस साल भी सरस्वती पूजा का आयोजन पूरी तरह से महिलाओं ने किया। खास बात यह रही कि पूजा से लेकर प्रतिमा विसर्जन तक की सभी रस्में केवल महिलाओं ने निभाईं, जबकि पुरुषों की इस आयोजन में भागीदारी पूर्ण रूप से वर्जित रही।
महिलाओं के हाथों पूजा का नेतृत्व
फाउंडेशन की संचालक प्रगति श्रीवास्तव के नेतृत्व में हुए इस आयोजन की एक खास विशेषता यह रही कि पूजा विधि पूरी कराने के लिए महिला ब्राह्मण को आमंत्रित किया गया। महिलाओं ने भजन-कीर्तन के साथ देवी सरस्वती की आराधना की और पूजा-पाठ, प्रसाद वितरण से लेकर जुलूस तक की सभी जिम्मेदारियां स्वयं संभालीं। प्रतिमा विसर्जन के लिए शोभनाथ मंदिर तक का जुलूस भी केवल महिलाओं की ओर से निकाला गया, जिससे यह आयोजन और भी खास बन गया।
सुरक्षा और प्रशासनिक सहयोग
फाउंडेशन की स्थापना भी सरस्वती पूजा के दिन ही हुई थी, जो अब महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी है। इस कार्यक्रम में जिले के प्रमुख व्यवसायी और डॉक्टर शामिल हुए। पुलिस प्रशासन ने इस आयोजन के दौरान महिलाओं की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए और जिला प्रशासन ने भी हर संभव सहयोग प्रदान किया, जिससे कार्यक्रम सुचारु रूप से संपन्न हो सका।
महिला सशक्तिकरण का प्रेरणादायक उदाहरण
नूतन उदय फाउंडेशन का यह प्रयास महिला सशक्तिकरण का एक जीवंत उदाहरण है, जो यह दर्शाता है कि महिलाएं आत्मनिर्भर होकर न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभा सकती हैं। यह पहल नवादा जिले में महिला नेतृत्व और सामूहिक भागीदारी की मिसाल बन चुकी है और आने वाले समय में कई अन्य संगठनों को भी प्रेरित कर सकती है।
भईया जी की रिपोर्ट