-उत्पीड़न का मामला पहुंचा आयोग व थाना
नवादा : जिला प्रशासन में फैले भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर आने लगा है। महादलित शिक्षक उत्पीड़न मामले की शिक्षा विभाग एसीएस सिद्दार्थ द्वारा डीएम से गये जांच का मामला भी बेअसर रहा। उल्टे उपस्थित रहने के साक्ष्य के बावजूद वेतन काट दिया गया तो फिर बचा ही क्या? ऐसे में पीड़ित ने इसकी शिकायत एससी एसटी आयोग से लेकर थाने में दर्ज करायी है। मामला जिले के उग्रवाद प्रभावित गोविन्दपुर प्रखंड क्षेत्र के खखन्दुआ उत्क्रमित मध्य विद्यालय का है।
क्या है मामला:- 14 अगस्त को बीईओ दिगम्बर ठाकुर ने विद्यालय का निरीक्षण किया था। शिक्षक 15 अगस्त की तैयारी में लगे थे। उन्होंने आनलाइन उपस्थिति दर्ज करायी लेकिन उपस्थिति पंजी में दो चार मिनट का बिलम्ब हो गया।
आरंभ हुआ रिश्वत मांगने व उत्पीड़न दौर:- बीईओ के लिये सुनहरा अवसर था सो रिश्वत मांगने का दौर शुरू हो गया। महादलित शिक्षक शंभू मांझी ने रिश्वत देने से इंकार किया तो अपशब्दों की भरमार हुई। घटनाओं का वीडियो वायरल हुआ।
सोशल मीडिया पर खबर पर लिया संज्ञान : यूट्यूब पर हमारा जन मंथन पर रविन्द्र नाथ भैया की खबर आते ही एसीएस सिद्धार्थ ने मामले पर संज्ञान लेते हुए डीएम को जांच का आदेश जारी किया।
बरती कोताही : डीएम ने एडीएम तो एडीएम ने बीडीओ को जांच का आदेश जारी किया। खबर पुनः आते ही भड़के एसीएस तो डीएम ने एडीएम को स्वंय जांच का आदेश जारी कर दिया। बीईओ व एडीएम की जांच में विद्यालय के शिक्षकों, छात्र- छात्राओं व अभिभावकों ने मामले की पुष्टि की लेकिन लाभ- शुभ के चक्कर में मामले पर पर्दा डाल भ्रष्ट बीईओ क़ो जिला प्रशासन की क्लीन चिट मिल गयी।
मामला पहुंचा आयोग व एससी एसटी थाना : भला पीड़ित महादलित शिक्षक भी कहां चुप रहने वाले थे सो उन्होंने आयोग से लेकर एससी एसटी थाने में शिकायत दर्ज करा न्याय की गुहार लगायी है।
भईया जी की रिपोर्ट