-28 योजनाओं में 681 मजदूर कर रहे कार्य
नवादा : जिले में कृषि कार्य में बरसात के बावजूद भले ही गति न पकड़ रही हो लेकिन मनरेगा कार्य जोरों पर है। जी हां! हो भी क्यों नहीं, जब कार्य कागज पर ही कराना हो। भले ही बरसात में मनरेगा से मिट्टी कार्य पर सरकार ने रोक लगा रखी है। ऐसा पहली बार हो रहा है ऐसी भी बात नहीं है।
तकरीबन एक माह पूर्व भी जब जिले में झमाझम बारिश हो रही थी तब आहर- तालाब समेत 25 योजनाओं पर कुल एक हजार से अधिक मजदूर कागज पर काम कर काम कर रहे थे। खबर प्रकाशित होते ही मजदूरों को आनन फानन में मजदूरी का भुगतान भी कर दिया गया। ऐसा हम नहीं खुद मनरेगा का दस्तावेज कह रहा है। इसे कहते हैं अंधेर नगरी, चौपट राजा।
जी हां! यहां हम बात कर रहे हैं जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड क्षेत्र के अमांवा पूर्वी पंचायत का। जहां आज भी 28 योजनाओं पर मिट्टी कार्य हो रहा है जिसमें कुल 681 मजदूर कार्य कर रहे हैं। यह हाल तब है जब योजनाओं को पारदर्शी बनाये रखने के लिए आधुनिक तकनीक यानी इंटरनेट का सहारा लिया जा रहा है। कहने का मतलब योजनाओं से लेकर मजदूरों तक का ब्यौरा इंटरनेट पर उपलब्ध कराया जा रहा है, बावजूद फर्जीवाड़ा समझ से परे है।
महादलितों के बजाय संपन्न लोगों को मिल रहा काम
कहते हैं शेर भी छिपकर शिकार करता है। लेकिन यहां तो सामने से गोली मारी जा रही है। मनरेगा का उद्देश्य महादलित मजदूरों को काम देना था। लेकिन यहां सबकुछ उल्टा हो रहा है। फिलहाल कार्यरत मजदूरों में से 50 महादलितों को अगर अपवाद माना जाय तो शेष संपन्न मजदूरों से कार्य लिया जा रहा है।
बृद्धा पेंशनधारी, आयकर दाता भी हैं मजदूर
अगर दैनिक मजदूर पुस्तिका की जांच की जाय तो यहां बृद्धा पेंशनधारी, आयकर दाता, आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका से लेकर शिक्षक व छात्र- छात्राओं को भी मजदूर बता मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। अब सबसे बड़ा सवाल आखिर इन सब मामलों की जांच करेगा कौन? क्योंकि हमाम में —–।
भईया जी की रिपोर्ट