नवादा : जिले के पकरीबरावां थानाध्यक्ष के काले कारनामे का भांडा फूटने लगा है। फंसो- फंसाओ खेल में माहिर थानाध्यक्ष का यह कोई नया कारनामा नहीं है। इसके पूर्व जच्चा- बच्चा कांड में कौआकोल प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की गिरफ्तारी से लेकर बुधौली पंचायत मुखिया हत्याकांड, लोकसभा चुनाव में हथियार लूट कांड में इनकी भूमिका जग जाहिर है।
अब इनकी जद में कबला पंचायत मुखिया पति प्रमोद सिंह आये हैं। मामला कबला का है जहां दो गुटों में 15 अक्टूबर को मारपीट की घटना हुई थी। उक्त प्राथमिकी में पैक्स अध्यक्ष के इशारे पर लीलो गांव निवासी मुखिया उर्मिला देवी के पति को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। आरोप है कि वे घटनास्थल पर राड लेकर मारपीट की घटना को अंजाम दिया।
उक्त मामले को उर्मिला देवी ने एसपी समेत तमाम अधिकारियों के समक्ष आवेदन के माध्यम से उठाया है। अधिकारियों ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया है, लेकिन निष्पक्ष जांच हो सकेगा इसमें संदेह है। ऐसा लाभ- शुभ में मुखिया पति के साथ देने से इंकार के कारण हुआ है। कहते हैं एक न एक दिन पाप छप्पर चढ़ कर बोलता है सो इनके पाप का भांडा फूटने वाला है। इस बार अगर निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो?
वैसे बता दें इसके पूर्व अकबरपुर थाना के कार्यकाल में मुखिया रामस्वरूप यादव व मुखिया पति भोली सिंह को भी झूठे मुकदमे में फंसाने का काम कर चुके हैं। लेकिन शायद इन्हें पता नहीं कि पकरीबरावां – अकबरपुर नहीं है। अकबरपुर में तो रामराज्य नहीं ला पाये लेकिन पकरीबरावां के चाटुकारों व थाना प्रभारी के दलालों की नजर में रामराज्य है। मुखिया पति को फंसा कर वे खुद फंस गये हैं। क्योंकि पकरीबरावां की जनता जूझना जानती है। अब गेंद पुलिस के आला अधिकारियों के पाले में है, जिसका इंतजार हर किसी को है।
भईया जी की रिपोर्ट