नवादा : जिला मुख्यालय मुफस्सिल थाना क्षेत्र के ददौर गांव महादलित टोला कृष्णा नगर में हुई आगजनी की घटना से जिला प्रशासन अब एक्शन मोड में आ गई है। डीएम आशुतोष वर्मा ने बताया कि अब जिले की भू माफियाओं पर सख्ती से नजर रखी जायेगी। गैरमजरूआ जमीन को कब्जा कर अवैध रूप से खरीद-बिक्री करने के गोरखधंधे पर सख्ती से कार्रवाई की जायगी। नगर से गुजरने वाली खुरी नदी में हो रही अवैध कब्जा को लेकर डीएम ने कहा कि प्रशासन अब वैसे लोगों पर सख्ती से कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि नदी में नगर परिषद द्वारा की जा रही अवैध कचरे की डम्पिंग से भू माफियाओं को जमीन का अवैध कब्जा करने का मौका मिल रहा है। इसके लिए नगर परिषद को सख्त हिदायत दिया जायगा कि नदी में अवैध कचरों का डम्पिंग नहीं करें, अन्यथा कार्रवाई होगी। इसके अलावा नदी सहित जितने भी गैरमजरूआ जमीन है उसका सर्वे कराया जायगा। उसके बाद जिन लोगों का अवैध कब्जा पाया जायगा, उनपर कार्रवाई की जायगी। खुरी नदी में अवैध कब्जा से नदी का 33 एकड़ 43 डिस्मील रकवा में बचा है मात्र करीब 15 एकड़।
नगर से होकर गुजरने वाली खुरी नदी का अस्तित्व पर दिनों दिन खतरे का बादल मंडराता जा रहा है, जिससे पर्यावरण प्रभावित होने लगा है। बरसाती नदी होने के कारण इसपर अतिक्रमण करना लोगों के लिये आसान हो चुका है। इसमें भी नगर परिषद का फेंके जाने वाले कचड़ा उन अतिक्रमणकारियों के लिये सोने पर सुहागा का काम किया है, जिन्होंने इसपर अवैध कब्ज़ा जमाया है। वर्तमान में स्थिति यह है कि नदी का 33 एकड़ 43 डिस्मील रकवा में करीब 15 एकड़ ही रकवा बचा है। खुरी नदी का करीब 18 से 20 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण कर लोगों ने नया खतियान सर्वे में अपने नाम से बंदरबांट कर लिया है। वर्ष 1987-88 में की गई सर्वे के दौरान नदी के जमीन का लूटपाट किया गया था। फलतः खुरी नदी पूरी तरह से सिकुड़ चुकी है।
नदी की चौड़ाई करीब 65 फीट ही रह गया है। शहरी क्षेत्र में नदी को सबसे ज्यादा प्रभावित नगर परिषद से किया जा रहा है, जिसके कारण लोगों को नदी पर कब्जा करने का मौका मिलता गया। बताया जाता है कि शहरी इलाकों में नदी किनारे बसे लोगों के अतिक्रमण का प्रभाव ऐसा हुआ कि नदी ने अपना रूख बदलना शुरू कर दिया और फिर गोंदापुर की रैयती जमीन को अपने चपेट में ले लिया, लेकिन जब नदी में पानी सुखना शुरू हुआ तब जिनका रैयती जमीन था उन लोगों द्वारा नदी में मकान बनाना शुरू कर दिया।
नप का कचड़ा नदी में होता है डम्प
नगर परिषद नदी में कचड़ा डालकर इसके अस्तित्व को नुकासन करने के साथ-साथ अतिक्रमणकारियों के लिये रास्ता बनाने का काम कर रही है। इस परिस्थिति में जिला प्रशासन को कठोर कदम उठाने की जरूरत पड़ गई हैै। नगर परिषद अपने अधिकार क्षेत्र में कचड़ा फेंकने के लिये नदी के अस्तित्व को नुकसान नहीं पहुंचा सकता, बावजूद ऐसा नहीं किया जा रहा है। हालांकि, वर्तमान में नप अपने कचड़ों को लेकर व्यवस्था में जुटी है, लेकिन अब तक जो कचड़ा डाला गया है वह अतिक्रमणकारियों के लिए जमीन लूट का माध्यम बन गया है। किस इलाका में खुरी नदी का कितना है रकवा :- नगर क्षेत्र- 9 एकड़ 75 डिस्मील
– गोंदापुर इलाका- 17 एकड़ 68 डिस्मील
– मिर्जापुर इलाका- 5 एकड़ 60 डिस्मील कुल 33 एकड़ 43 डिस्मील।
भईया जी की रिपोर्ट