नवादा : रीमा हत्याकांड पुलिस के लिए अबूझ पहेली बन कर रह गयी है। शादीशुदा दो बच्चों का बाप होने के बाद भी दोनों के बीच तीन वर्षों से प्रेम-संबंध थे, फिर आखिर ऐसा क्या हुआ कि गांव से निकलने के पांच दिनों के भीतर ही प्रेमी ने उसकी हत्या कर दी?
यह सवाल न सिर्फ लोगों को परेशान कर रहा है बल्कि पुलिस के लिए भी सिरदर्द बना हुआ है। हिसुआ पुलिस की कस्टडी में तीन दिनों तक रहने के बाद भी हत्यारोपित आशिक ने इस बारे में मुंह नहीं खोला। न तो उसने हिसुआ पुलिस को कुछ बताया और न ही बंगलुरु पुलिस को।
दोनों ही राज्यों की पुलिस ने अपने-अपने तरीके से पूछताछ की। अलबत्ता उस पर सख्ती नहीं की गयी। क्योंकि उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर तीन दिनों की यात्रा पर बंगलुरु जाना था। पुलिस का मानना है कि वहां जाने के बाद ही अब रिमांड पर लेकर उससे बंगलुरु पुलिस इस बारे में पूछताछ करेगी। इसके बाद हत्या के कारणों का खुलासा हो सकेगा।
पारिवारिक दबाव बना हत्या का कारण
रीमा की हत्या को लेकर कई कयास लगाये जा रहे हैं। इनमें से एक है पारिवारिक दबाव। क्या आशिक ने पारिवारिक दबाव में रीमा की हत्या कर दी? बताया जाता है कि रीमा और आशिक के बीच तीन वर्षों से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। इसकी जानकारी दोनों के परिवारों को थी। आशिक के शादीशुदा होने के कारण उसके परिवार में अधिक कलह था। पत्नी के अलावा उसके परिजन भी इस बात को लेकर खासे नाराज थे और दोनों के बीच झगड़ा चल रहा था।
बताया जाता है कि इसके परिणामस्वरूप आशिक के साले ने नरहट के राहुल नगर स्थित बहन के घर पर आकर आशिक से मारपीट भी की। मामला नरहट थाने तक पहुंचा ।बताया जाता है। बाद में दोनों पक्षों की आपसी सहमति से सुलझा लिया गया और बात नहीं बढ़ी। कहीं ऐसा तो नहीं कि रीमा को लेकर भागने के बाद यह दबाव इतना बढ़ गया कि दो बच्चों का बाप आशिक खुद को फंसा हुआ महसूस करने लगा और रीमा से छुटकारा पाने की नीयत से उसकी हत्या कर दी? या फिर दोनों के बीच विवाद बना कारण?
कयास लगाया जा रहा है कि संभव है दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद इस कदर बढ़ गया कि आशिक ने बुरी तरह से मारपीट कर उसकी हत्या कर दी। क्योंकि बंगलुरु पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम के दौरान उसके शरीर पर कम से कम चार जगहों पर चोट के गहरे निशान पाये गये। उसकी गर्दन की हड्डी टूटी थी। उसके सीने व पेट पर गहरे चोट के निशान थे। यहां तक कि प्राइवेट पार्ट पर भी जख्म के निशान पाये गये थे। सभी जख्म व चोट के निशान आरंभिक जांच में पाये गये थे। पूरी कहानी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से क्लीयर होगी।
ट्रांजिट रिमांड पर लेकर बंगलुरु निकली पुलिस:- सभी गिरफ्तार सात आरोपितों को नवादा कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद पुलिस उन्हें लेकर बंगलुरु के लिए रवाना हो गयी। इनमें मुख्य आरोपित नरहट थाने के राहुल नगर के जयराम राजवंशी का बेटा आशिक कुमार, उसका फूफा अकबरपुर थाना क्षेत्र के कुलना निवासी मुकेश कुमार और फुआ इंदु देवी तथा शव फेंकने में शामिल आशिक के साथी राहुल नगर के रंजीत रविदास का बेटा राजाराम रविदास, प्यारेचंद रविदास का बेटा राजू कुमार, सुनील रविदास का बेटा कालू रविदास व मोहन कुमार शामिल हैं। घटनाक्रम पर एक नजर :- 15 मई को बेलारू से रीमा को लेकर आशिक भाग निकला
-17 मई को बंगलुरु से फोन से हुई दोनों परिजनों से बातचीत
-20 मई को बंगलुरु में किराये के मकान में रीमा की हत्या
-21 मई को बंगलुरु की सूर्यनगर पुलिस ने शव बरामद किया – 21 मई को सूर्य नगर थाने में हत्या कांड संख्या-218/25 दर्ज
-23 मई को हिसुआ थाने में अपहरण कांड संख्या-297/25 दर्ज
-24 मई को सोशल मीडिया से शव मिलने की जानकारी मिली -25 मई को फोटो से शिनाख्त के बाद पुलिस व परिजन बंगलुरु रवाना
-29 मई को शव की बंगलुरु में हिसुआ पुलिस व परिजनों द्वारा शिनाख्त
-30 मई को मुख्य आरोपित समेत सात हिसुआ पुलिस द्वारा गिरफ्तार
कहते हैं अधिकारी:-
रीमा की हत्या का कारण अब तक पता नहीं चल सका है। आरोपित को रिमांड पर लेकर पूछताछ में मामले का खुलासा हो सकता है। बंगलुरु पुलिस उसे वहां रिमांड पर लेकर बंगलुरु ले गयी।
भईया जी की रिपोर्ट