नवादा : जिले से एक हैरान कर देनी वाली घटना सामने आयी है। दामाद को फंसाने के लिए ससुराल पक्ष ने बड़ी साजिश रची। इस मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। जिले के रजौली अनुमंडल मुख्यालय पंचायत क्षेत्र के बभनटोली निवासी स्व सुबोध सिंह के छोटे पुत्र धीरज कुमार व उसके परिजनों को दहेज हत्या में फंसाने के चक्कर में ससुराल पक्ष के लोग खुद ही फंस गए। न्यायालय के आदेश पर पीड़ित धीरज कुमार के ससुराल पक्ष के लोगों पर रजौली थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई है।
बताया जाता है कि 2018 के 21 जून को धीरज कुमार ने नवादा के रामनगर निवासी देवेन्द्र प्रसाद की पुत्री काजल कुमारी से हिन्दू रीति रिवाज से विवाह किया था। विवाह के बाद पति-पत्नी रजौली स्थित अपने पैतृक आवास में रह रहे थे। 2019 के 27 मार्च को पति-पत्नी को एक पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई। 2021 में 9 दिसम्बर की रात काजल कुमारी की तबियत अचानक बिगड़ गई जिसका इलाज अनुमंडलीय अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सक डॉ. धीरेन्द्र कुमार ने किया। काजल कुमारी के गम्भीर हालत को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए पावापुरी विम्स अस्पताल में भर्ती कराया। इसकी खबर धीरज कुमार ने ससुर, सास व साला आदि को दी।
सूचना पर विम्स पहुंचे ससुराल पक्ष ने काजल कुमारी को पटना न ले जाकर डिस्चार्ज करवाकर बिहारशरीफ के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया। साथ ही धीरज कुमार एवं उसके परिजनों को नर्सिंग होम में ठहरने नहीं दिया गया। इस दौरान धीरज कुमार से सवा लाख रुपये लिए गए। पीड़ित धीरज कुमार को अगले दिन 10 दिसम्बर को सूचना मिली कि उसकी पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी गई है।
काजल कुमारी की मौत के बाद धीरज कुमार के ससुराल पक्ष के लोगों से 25 लाख रुपये की मांग की गई जिसे देने से इंकार किये जाने पर रजौली थाने में ससुराल पक्ष द्वारा काण्ड संख्या 647/21 में दहेज हत्या का आरोप लगाकर केस दर्ज किया गया। केस दर्ज होने के बाद न्यायालय के संज्ञान में यह बात स्पष्ट हो पाई कि पति धीरज कुमार अपने पत्नी से बहुत प्रेम करता था और वह अपनी पत्नी की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं है। इसलिए न्यायालय द्वारा निर्गत आदेश के आलोक में धीरज कुमार के ससुराल पक्ष के लोगों के विरुद्ध रजौली थाने में आईपीसी की धारा 302,34,504 व 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस अग्रेतर कार्रवाई में जुट गई है।
भईया जी की रिपोर्ट