नवादा : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश की धज्जियां उड़ाना पुलिस को भारी पड़ने लगा है। हालात यह है कि पुलिस कप्तान को जबाब नहीं जुट रहा है। मामला मानवाधिकार आयोग से जुड़ा है। मानवाधिकार ने एकबार फिर 21/10 को जबाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। और तो और इस बावत आरटीआई के माध्यम से से प्रतिवेदन की प्रति की मांग की गयी है।
क्या है मामला
20 मई 2023 को जिले के वरीय पत्रकार 67 वर्षीय भैया जी को अकबरपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार ने न्यायालय के एक मामले में कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए न केवल हाजत में बंद कर दिया था बल्कि थाली थाना के हवाले करने के पूर्व हथकड़ी लगा बगैर चेहरा छिपाये फोटो स्वयं वायरल कर दिया था।
दूसरे दिन न्यायालय में उपस्थित कराने पर देर शाम न्यायालय ने निजी मुचलके पर रिहा कर दिया था। दूसरे दिन न्यायालय ने पुलिस पर नोटिस व इश्तेहार तामिल न कराने का आरोप लगाते हुए स्थायी जमानत दी थी। इसके पूर्व विधान पार्षद नीरज कुमार समेत जिले के पत्रकारों ने गिरफ्तारी का विरोध करते हुए एसपी से मामले की जांच का अनुरोध किया था। लेकिन आजतक क्या जांच हुई इसका खुलासा तक नहीं किया गया।
मामला पहुंचा मानवाधिकार आयोग
उक्त मामले को मानवाधिकार ले जाया गया। आयोग ने एसपी से लगाये गये आरोप का जबाब मांगा लेकिन अबतक एसपी का जबाब आयोग को प्राप्त नहीं कराया गया। ऐसे में एकबार फिर 21/10 को अंतिम रूप से जबाब दाखिल करने का आदेश आयोग ने निर्गत किया है।
आरटीआई कार्यकर्ता हुआ एक्टिव
उक्त मामले को अब जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चील ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने आयोग द्वारा आदेशित जबाब की प्रति की मांग कर दी । ऐसे में एसपी हाजत में बंद करने, हाथ में हथकड़ी लगा बगैर चेहरा छिपाये अखबारों व सोशल मिडिया पर फोटो वायरल करने को कितना न्यायोचित ठहराते हैं, यह देखना शेष है। अब सबसे बड़ा सवाल आखिर एसपी आयोग को जबाब दे क्यों नहीं रहे हैं?
भईया जी की रिपोर्ट