पटना से सटे बख्तियारपुर शहर और रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग काफी वर्षों से रही है। लेकिन अब बख्तियारपुर तो नहीं, पर भागलपुर के सुल्तानगंज रेलवे स्टेशन को बहुत जल्द नया नाम मिल जाएगा। दरअसल रेलवे ने देशभर में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों के नाम बदलने की कवायद शुरू की है। खासकर मुस्लिम नामों से जुड़े सांस्कृतिक महत्व वाले स्टेशनों को उनकी संस्कृति के मुताबिक नाम देने की सरकार की प्राथमिकता है। इधर बिहार के सुल्तानगंज स्टेशन का नाम बदलने की मांग भी काफी दिनों से हो रही है। अब इसी के तहत सुल्तानगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अजगैबीनाथ धाम स्टेशन करने की तैयारी रेलवे ने कर ली है। बताया गया कि इस संबंध में रेल मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा गया है।
मुस्लिम नाम वाले सांस्कृतिक स्टेशनों का नाम बदलाव
अपनी इसी नीति के तहर रेलवे ने कुछ वर्ष पहले उत्तर प्रदेश में ‘मुगलसराय’ का नाम बदलकर ‘पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन’ और ‘इलाहाबाद’ का नाम बदलकर ‘प्रयागराज’ कर दिया था। बिहार में बख्तियारपुर और सुल्तानगंज स्टेशन के नाम बदलने की मांग लम्बे समय से हो रही है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने रेल मंत्रालय को सुल्तानगंज स्टेशन का नाम बदलकर ‘अजगैबीनाथ’ रखने का प्रस्ताव भेजा है जिसपर रेलवे ने यह तैयारी की है।
बिहार की ओर से रेल मंत्रालय को भेजा गया प्रस्ताव
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि सुल्तानगंज नगर परिषद ने बिहार सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें सुल्तानगंज के नाम को बदलने की मांग की गई है। इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के रेलवे मंत्रालय के पास भेजने का फैसला लिया गया। केंद्र सरकार अगर सुल्तानगंज के नाम को बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे देती है तो सुल्तानगंज स्टेशन अजगैबीनाथ धाम के नाम से जाना जा सकता है। सुल्तानगंज बाबा भोले की नगरी के रूप में जाना जाता है। हर साल लाखों कांवरिया सुल्तानगंज से देवघर के लिए गंगा नदी का जल लेकर पैदल रवाना होते हैं। यहां गंगा उत्तर वाहिनी है जिस वजह से सावन महीने में लाखों श्रद्धालु सुल्तानगंज से जल उठाकर देवघर के लिए पैदल रवाना होते हैं। सुल्तानगंज में गंगा नदी के बीचो-बीच अजगैबीनाथ मंदिर है।