मुजफ्फरपुर में शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ाते हुए जब्त शराब को थाने से ही गायब कर माफिया को बेच देने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामला तब खुला जब थाने में तैनात एक सुरक्षाकर्मी ने इस सारी कारगुजारी के बारे में वरीय अधिकारियों को सूचना दे दी। वरीय अधिकारियों के निर्देश पर शुरू कि गई वाहन जांच और छापेमारी के दौरान विनष्टिकरण के लिए थाने में जमा की गई जब्त शराब को एक दारू तस्कर की कार से बरामद कर लिया गया। इसके बाद जिले के समूचे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मामला शहर के बेला थाने का है। इस पूरे प्रकरण की वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच कराई और इसके बाद एसएसपी ने थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया।
दरअसल बेला थाना में पिछले एक वर्ष के दौरान जब्त की गई अवैध शराब की खेप का विनष्टिकरण किया जा रहा था। इसी दौरान करीब 17 कार्टन शराब तस्कर के पास बरामद हुई, जो थाना से ही निकाली गई थी। विशेष पुलिस टीम ने धीरनपट्टी इलाके में एक शराब तस्कर को पकड़ा, जिसके पास वही शराब मिली जो थाना में विनष्टिकरण के लिए रखी गई थी। पूछताछ में तस्कर ने बताया कि उसने यह शराब बेला थाना से खरीदी थी, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। एसएसपी ने बताया कि थाने में कार्यरत एक प्राइवेट मुंशी और शराब विनष्टिकरण कराने वाले ठेकेदार को गिरफ्तार कर लिया गया है। लापरवाही बरतने के आरोप में बेला थानेदार को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और हर पहलू की गहन जांच की जा रही है। पुलिस इस कांड में शामिल अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है।
मामले की जानकारी मिलते ही आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जांच शुरू की। बताया जा रहा है कि विनष्टिकरण का ठेका इलाके के ही एक सक्रिय तस्कर को दिया गया था, जिसने अपने लेबर के जरिए शराब के कार्टन थाने से बाहर निकालकर अपनी कार में लोड करवा लिए और फरार हो गया। हालांकि विशेष टीम ने उसे रास्ते में ही पकड़ लिया। जांच में यह भी पाया गया कि शराब विनष्टिकरण के दौरान मजिस्ट्रेट और थाना प्रभारी की उपस्थिति अनिवार्य थी, लेकिन बेला थानेदार रंजना वर्मा मौके पर नहीं थीं।