नीतीश सरकार में मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी ने जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर पर 100 करोड़ का मानहानि मुकदमा ठोका है। प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी पर 200 करोड़ का घोटाला करने और जमीन की हेराफेरी का आरोप लगाया था। मंत्री चौधरी ने इसी आरोप के खिलाफ उनपर मानहानी का मुकदमा दर्ज कराया। अशोक चौधरी ने एक कानूनी नोटिस के जरिए प्रशांत किशोर को आरोपों पर एक हफ्ते के अंदर सबूत देने के लिए कहा है। इसमें यह भी कहा गया कि अगर वे सबूत नहीं देते तो फिर सबके सामने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लिखित या बोलकर माफी मांगें।नोटिस में लिखा है कि—’अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो हमारे क्लाइंट को आपके खिलाफ पुलिस केस और मानहानि का केस करना पड़ेगा। इसके लिए वह आपसे हर्जाने के तौर पर ₹100 करोड़ की मांग करेंगे।
दरअसल प्रशांत किशोर ने हाल ही में भाजपा के चार बड़े नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। इन नेताओं में बीजेपी के मंगल पांडे, सम्राट चौधरी, संजय जायसवाल के साथ-साथ जेडीयू के नेता अशोक चौधरी का नाम भी शामिल था। इसपर जदयू कोटे से मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे और भ्रामक हैं। अशोक चौधरी ने बताया कि इससे पहले भी उन्होंने प्रशांत किशोर के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था। इसके तहत उन्हें 17 अक्टूबर 2025 को न्यायालय में पेश होने का बुलावा भी दिया गया था। अशोक चौधरी ने आरोप लगाया कि न्यायालय से बुलावा मिलने के बाद प्रशांत किशोर डर गए और उसी डर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर झूठे और गलत आरोप लगाने लगे। उन्होंने कहा कि जिस 200 करोड़ रुपये की संपत्ति का हवाला दिया जा रहा है, वह पूरी तरह गलत है। जिन संपत्तियों पर बेनामी होने का आरोप लगाया गया, वे उनकी बेटी और सांसद श्रीमती शाम्भवी चौधरी द्वारा अपने वैध संसाधनों से खरीदी गई थीं. यह संपत्ति उनके चुनावी शपथ-पत्र में भी दर्ज है, इसलिए इसमें कोई बेनामी का सवाल ही नहीं उठता।
अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर पर कहा कि उनकी राजनीति में न तो ईमानदारी है और न ही जनसेवा का कोई लक्ष्य। वे केवल झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रशांत किशोर ने अपने झूठे बयान में उनके परिवार और ट्रस्ट के बारे में भी भ्रामक बातें फैलाई हैं, जो पूरी तरह गलत हैं। अशोक चौधरी ने कहा कि उनके परिवार और ट्रस्ट का कोई संबंध प्रशांत किशोर से नहीं है। प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी पर भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्ति रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी ने अपने PA योगेंद्र दत्त के साथ मिलकर 2019 में विक्रम में 23 कट्ठा जमीन खरीदी। दो साल बाद यह जमीन अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी के नाम पर कर दी गई और इसके लिए योगेंद्र दत्त को ₹10 लाख दिए गए। उन्होंने बताया कि बाद में जब शांभवी चौधरी चुनाव लड़ने गईं और इनकम टैक्स ने उनसे सवाल किया, तो अशोक चौधरी ने 27 अप्रैल 2025 को दत्त को ₹25 लाख और ट्रांसफर किए।