बिहार कैडर के वरिष्ठ IAS अधिकारी संजीव हंस बहुत बड़े घाघ निकले। यह खुलासा SVU (विशेष निगरानी इकाई) की जांच के बाद उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में किया गया है। इसके अनुसार IAS संजीव हंस ने बिहार में बिजली का प्री—पेड मीटर लगाने का ठेका देने के बदले में मर्सिडीज कार बतौर घूस ली थी। इतना ही नहीं, उन पर एक महिला के साथ शारीरिक शोषण करने और अवैध लेनदेन के भी आरोप लगे हैं। महिला को मुंह बंद रखने के लिए संजीव हंस द्वारा हर माह पूर्व विधायक गुलाब यादव के जरिये 2 लाख रुपए देने की बात भी सामने आई है।
SVU की FIR में खुलासा, रिश्वत में मर्सिडीज
ईडी को IAS संजीव हंस द्वारा अपनी पत्नी और पूर्व विधायक गुलाब यादव तथा उनकी पत्नी अंबिका यादव के साथ मिलकर अवैध कमाई छिपाने के सबूत भी मिले हैं। एसवीयू की प्राथमिकी में खुलासा हुआ है कि मर्सिडीज कार 2023 में खरीदी गई थी। इसका निबंधन गुरुग्राम में रहने वाले तरुण राघव के नाम पर है, जो IAS संजीव हंस के साले गुर बलतेज सिंह का दोस्त है। जांच में यह भी पता चला है कि इस कार को शुरुआत में 2022 में झारखंड स्थित कंपनी एसके एंड सन्स इंटरप्राइजेज के नाम पर खरीदा गया था। बाद में इसे तरुण के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया। IAS के साले गुर बलतेज सिंह का फेसबुक अकाउंट खंगालने पर वहां उसकी कार के साथ पोज देते हुए तस्वीर भी मिली है।
कीमती घड़ियां, पूर्व विधायक के साथ गुलछर्रे
यही नहीं, ईडी ने छापेमारी में संजीव हंस के पास से 70 लाख मूल्य की 15 महंगी घड़ियां भी बरामद की थीं। पूछताछ में हंस ने बताया कि ये घड़ियां उन्हें विभिन्न कंपनियों ने कॉर्पोरेट गिफ्ट के तौर पर दी थीं। हालांकि, ईडी को शक है कि ये घड़ियां भी उन्हें रिश्वत के तौर पर मिली थीं। इतने महंगे उपहार लेना अखिल भारतीय सेवा शर्त नियमावली का उल्लंघन है। एसवीयू की प्राथमिकी में हंस पर यौन शोषण के आरोप भी लगाए गए हैं। प्राथमिकी में कहा गया है कि गुलाब यादव हंस के कहने पर एक महिला को हर महीने 2 लाख रुपये देते थे। यह पैसा हंस के साथ महिला के अवैध संबंधों को छिपाने के लिए दिया जाता था। नवंबर 2017 से फरवरी 2022 के बीच उसे कुल 29 लाख रुपये दिए गए। यह राशि गुलाब यादव ने उसके बैंक खाते में जमा कराई थी।
महिला को मुंह बंद रखने वास्ते हर महीने 2 लाख
जांच में यह भी पता चला है कि संजीव हंस ने महिला को लखनऊ में 90 लाख का एक फ्लैट भी दिलाया था। आरोप है कि संजीव हंस ने हवाला के जरिये महिला को 2 करोड़ 44 लाख रुपये भेजे थे। ईडी को हंस और उनकी पत्नी मोना हंस उर्फ हरलोविलीन कौर के खिलाफ पुणे में एक सीएनजी पंप के संचालन में संदिग्ध लेनदेन के सबूत भी मिले हैं। यह पंप मेसर्स प्रोग्रोथ इंटरप्राइजेज नामक कंपनी द्वारा संचालित है, जो हंस की पत्नी और गुलाब यादव की संयुक्त कंपनी है।