वैशाली में शिक्षा विभाग ने एक पुरुष शिक्षक को ही मातृत्व अवकाश दे दिया है। शिक्षा विभाग ने शिक्षक को गर्भवती मान लिया। मामला महुआ प्रखंड क्षेत्र के उच्च विद्यालय हसनपुर ओसती का है। यहां तैनात बीपीएससी शिक्षक जितेंद्र कुमार सिंह को शिक्षा विभाग की तरफ से गर्भवती घोषित कर दिया गया है। शिक्षा विभाग के ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक टीचर जितेंद्र कुमार सिंह प्रेग्नेंट हैं और छुट्टी पर हैं। उनको शिक्षा विभाग की तरफ से गर्भवती बताकर छुट्टी दे दी गई। यही नहीं, शिक्षक के गर्भवती होने के कारण उसकी छुट्टी के आवेदन को वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया। जैसे ही मामला सामने आया, वैशाली जिला शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने कहा कि यह मानवीय भूल से ऐसा हुआ होगा। बहरहाल इस सारे मामले की जांच कराकर वेबसाइट पर हुई गलती को दुरुस्त किया जाएगा।
अधिकारियों में मचा हड़कंप
इस बात का जब खुलासा हुआ तो शिक्षक के साथी उसका मजाक उड़ने लगे। कहने लगे कि मैटरनिटी लीव सिर्फ महिला कर्मचारियों के लिए होता है। लेकिन वैशाली जिला में शिक्षा विभाग में इसे उल्टा करते हुए पुरुष शिक्षक के लिए मैटरनिटी लीव शुरू कर दिया गया है। यह खबर सामने आने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। लोग आश्चर्य कर रहे हैं कि एक पुरुष शिक्षक को मातृत्व अवकाश कैसे मिल सकता है? बिहार में शिक्षा विभाग सुर्खियों में अपने कारनामों के कारण रहता है। पिछले दिनों वैशाली जिले के लालगंज प्रखंड स्कुल के प्रधान अध्यापक द्वारा मीड डे मील का अंडा चोरी करने का मामला सामने आया था। इसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया।
हालांकि, इस मामले में प्रखंड शिक्षा अधिकारी अर्चना कुमारी ने विभाग की गलती कबूल करते हुए यह बात कही है कि मानवीय गड़बड़ी से पोर्टल पर इसे अपलोड किया गया है। पुरुष टीचर को इस तरीके की छुट्टी नहीं दी जाती। इसमें जल्द ही सुधार कर लिया जाएगा। उधर जिस शिक्षक को मैटरनीटि लीव मिलने की सूचना विभागीय वेबसाइट पर दर्ज हुई है, उसने कहा है कि उसके द्वारा ऐसा लीव नहीं लिया गया है। उसने छुट्टी जरूर ली है, लेकिन आवेदन में इसकी वजह कुछ और लिखी है। ई शिक्षा कोष में मैटरनिटी लीव महिला टीचर के लिए है। महिला शिक्षकों को यह लीव तब मिलती है जब वह प्रेग्नेंट हों और बच्चे को जन्म देने वाली हों।