पटना। एईएस प्रभावित 18 जिलों के 350 स्वास्थ्य संस्थानों को मिलेंगे एईएस किट का वितरण किया जाएगा इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि एईएस की प्रभावी रोकथाम एवं उपचार को लेकर स्वास्थ्य विभाग पहले से ही अलर्ट है। इसे लेकर कई स्तरों पर जागरूकता गतिविधि के साथ प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। वहीँ, उन्होंने कहा कि 350 स्वास्थ्य संस्थानों में प्रति स्वास्थ्य संस्थान 2 एईएस किट उपलब्ध कराए जाएंगें। जबकि, मुजफ्फरपुर के 19 स्वास्थ्य संस्थानों में प्रति स्वास्थ्य संस्थान 5 एईएस किट उपलब्ध कराए जाएंगे।
आगे उन्होंने कहा कि, राज्य में कुल 1000 एईएस किट संबंधित जिलों के स्वास्थ्य संस्थानों को उपलब्ध कराए जाएगें। साथी ही एईएस से विशेष प्रभावित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आपातकालीन जरूरतों के लिए 100 अतिरिक्त एईएस किट दिए जाएंगे। इससे एईएस की शीघ्र रोकथाम और उपचार को बल मिलेगा। एईएस किट में डिजिटल बीपी मशीन, ग्लूकोमीटर, अम्बु बैग, म्यूकस सकर सहित 13 चिकित्सकीय सामग्रियां होगी। ऑक्सीजन की उपलब्धता सभी स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकीय उपचार हेतु स्थानीय स्तर पर पहले से उपलब्ध है।
स्वस्थ्य मंत्री ने कहा कि अरवल, औरंगाबाद, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, गया, गोपालगंज, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, नालन्दा, नवादा, पटना, समस्तीपुर, सारण, सिवान, सीतामढ़ी, शिवहर और वैशाली को एईएस किट भेजे जाएगें। राज्य सरकार बच्चों को एईएस यानी चमकी बुखार से बचाने के लिए आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं उयलब्ध कराने की दिशा में गंभीरता से कार्य कर रही है। इसको लेकर राज्य से जिला स्तर तक के स्वास्थ्य कर्मियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग मुस्तैदी के साथ एईएस की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।