पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि टीबी जैसी गंभीर बीमारी के उन्मूलन के लिए विभाग सदैव तत्पर है। इस बार 7 दिसंबर से राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के 10 जिलों में 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान चलाया जा रहा है, जो 24 मार्च, 2025 तक चलेगा। बेगुसराय, भोजपुर, दरभंगा, गोपालगंज, कटिहार, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर, सीतामढ़ी एवं सिवान जिले में इस अभियान को चलाया जाएगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्देशित इस अभियान का उद्देश्य टीबी के मिसिंग रोगियों की खोज,टीबी मरीजों की मृत्युदर को कम करने व टीबी से नए व्यक्तियों को संक्रमित नहीं होने देने के प्रयासों में तेजी लाना है।
पांडेय ने बताया कि इस कार्य में अंतरविभागीय समन्वय भी स्थापित किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के साथ शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग,ग्रामीण विकास विभाग सहित कई अन्य विभागों में भी अभियान को संचालित किया जाएगा। 100 दिवसीय अभियान में युवाओं की भागीदारी, कार्यस्थल पर निःक्षय शिविर, गणतंत्र दिवस के दौरान टीबी पर सन्देश, प्रभावशाली व्यक्ति एवं धार्मिक नेताओं की भागीदारी एवं मॉपअप जैसी गतिविधियां शामिल होगी।
अभियान के दौरान उच्च जोखिम वाली जनसंख्या में टीबी की पहचान पर जोर दिया जा रहा है। जिसमें ईलाज प्राप्त कर रहे टीबी रोगियों के साथ रहने वाले व्यक्ति, पिछले 5 वर्षों में ईलाज कराए रोगियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्ति, मधुमेह रोगी, 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति सहित धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों को शामिल किया गया है। श्री पांडेय ने बताया कि इसके लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी के द्वारा अभियान का क्रियान्वयन समयबद्ध रूप से किया जाएगा।
इस कार्यक्रम के लिए सिविल सर्जन, मुख्य समन्वयक तथा अपर उपाधीक्षक-सह-सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, संचारी रोग(यक्ष्मा), सह-समन्वयक बनाया गया है। अभियान की सफलता के लिए सभी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के उच्च जोखिम वाली जनसंख्या की मैपिंग करते हुए विस्तृत माइक्रोप्लान तैयार किया गया है। अभियान की दैनिक रिपोर्ट निक्षय पोर्टल पर तत्काल अंकित होगा। इससे अभियान के दैनिक प्रगति पर नजर रखी जा सकेगी। वहीं अभियान की समाप्ति पर उत्कृष्ट कार्य के लिए जिलों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।