पटना: देशभर में NEET पेपर लीक का मामला बड़ा मुद्दा बना हुआ है जो थमने का नाम ही नहीं ले रहा है,आये दिन इससे जुड़े कोई न कोई बड़े अपडेट सामने आ रहे हंै। इसमें शामिल लोगों के नामों की सूची लंबी होती जा रही है। वहीं NTA की अनियमितताएं भी लगातार उजागर हो रही है। इस मामले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो यानि CBI की टीम एक्शन में है। वहीं, न्याय के लिए विद्यार्थियों के साथ ही शिक्षक भी कोर्ट का चक्कर काट रहे हैं।
मामला जटिल
मामला इतना जटिल हो गया है कि इस मामले की जांच के लिए ऐजेंसियों को फूंक-फुंक कर कदम उठाना पड़ रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। अब सवाल यह है कि आखिर इस मामले की साजिश किसने रची? मास्टरमाइंड को कौन संरक्षण दे रहा था। इस पूरे घटना में कौन-कौन संलिप्त है..? इन तमाम बातों की जानकारी हम आपको कड़ी दर कड़ी देने जा रहे है…
चुनाव परिणाम के साथ रिजल्ट
4 जून 2024 को जब देशभर की नजरें लोकसभा चुनाव के रिजल्ट पर टिकी हुई थी, लोग टकटकी लगाए टीवी के पास बैठे थे, वहीं दूसरी तरफ एक गंभीर साजिश को अंजाम दिया जा रहा था। राजनीतिक गहमागहमी के बीच उसी दिन शाम को मेडिकल की परीक्षा NEET का भी परिणाम जारी करने की कवायदें की जा रही थी। उसी शाम नीट परीक्षा का रिजल्ट भी जारी कर दिया जाता है.NEET का रिजल्ट जारी होना अगले ही दिन से मीडिया में चर्चा का विषय बन जाता है, कारण पेपर लीक और परिणाम में अनियमितता।
इसके बाद देशभर में उबाल कायम हो जाता है। विद्यार्थी सड़कों पर उतरकर न्याय की गुहार लगाने लगते हैं। मामला आंदोलन में तब्दील हो जाता है,छात्र प्रदर्शन करने सड़कों पर उतर जाते है। मामला सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाता है.
अब यहां से शुरू होता है कार्रवाई का दौर और NTA। शक की जद में आ जाता है,NTA की खूब किरकिरी होती है,यहां से कार्रवाई का दौर शुरू होता है और तफ्तीश की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी जाती है,मामले की तहकीकात में कई नाम निकलकर सामने आते हैं।
मास्टर माइंड नालंदा का
इस पूरे मामले के केंद्र में बिहार के नालंदा जिले का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया अर्थात लूटन मुखिया का नाम अहम् किरदार के रूप में सामने आता है। अचानक पूरे मामले से पर्दा हटने लगता है। संजीव मुखिया जिसका नाम पहले भी कई कांडों में जुड़ चूका है,सरकारी दस्तावेजों में संजीव कुमार नाम से जाना जाता है।
पूरी प्लानिंग पहले से
लाखों परीक्षार्थियों को परेशानी में डालने वाला यह संजीव मुखिया नालंदा जिले के नूरसराय उद्यान महाविद्यालय में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत है। इसने नीट की पूरी प्लानिंग पहले से कर रखी थी। परीक्षा के दिन वह बिना बताये कॉलेज से गायब हो जाता है और अस्पताल में जाकर भर्ती हो जाता है। सवाल ये है की इस मामले का पता कैसे चला। .हुआ यूं कि कॉलेज से जब पत्र की बात निकलकर सामने आती है तो इस पूरे मामले से पर्दा हट जाता है और मामला प्रकाश में आता है.
दरअसल ये कोई पहली बार नहीं जब संजीव मुखिया का नाम नीट काण्ड में जुड़ा बल्कि संजीव मुखिया एंड फैमिली पहले भी कई मामलों के अभ्युक्त रह चुके है..हम सिलसिलेवार ढंग से बताने जा रहे है कि संजीव मुखिया और उसका परिवार किन मामलों में संलिप्त रह चूका है…
1. प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपरलीक गिरोह का मास्टरमाइंड
2. सिपाही भर्ती परीक्षा और ठच्ैब् शिक्षक भर्ती परीक्षा लेक में हांथ रहा
3. शिक्षक बहाली परीक्षा के पेपरलीक में जेल भेजा गया
4. उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती पेपर लीक में भी उसका हांथ बताया गया
5. संजीव मुखिया का बेटा जो पेशे से डॉक्टर है वो भी कई पेपर लीक मामलों में शामिल रहा और अभी वो जेल में है
तो ये थी लूटन मुखिया से जुड़ीवो बातें जो शायद आपके जानकारी में न हो और अब बताते हैं कि बिहार नीट पेपर लीक में कब और क्या हुआरू-
’ 5 मई को नीट परीक्षा का आयोजन हुआ और इसी दिन बिहार में दूसरों की जगह परीक्षा दे रहे 5 कैंडिडेट्स को गिरफ्तार किया गया
’ 8 मई को दिल्ली,राजस्थान और बिहार से 13 लोगों की गिरफ्तारी हुई
’ 4 जून को नीट का रिजल्ट जारी हुआ जिस दिन लोकसभा चुनाव का रिजल्ट भी जारी हुआ
’ 13 जून को केंद्रीय शिक्षा मंत्री मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेपर लीक होने की घटना से इंकार किया
’ 16 जून को दो आरोपियों ने पेपर लीक होने की घटना को कबूला
’ 18 जून को बिहार में पेपर लीक घटना में मंत्री का कनेक्शन सामने आया
’ 18 जून को पेपर लीक मामले में 13 लोगों की गिरफ्तारी हुई और 5 की गुजरात के गोधरा से गिरफ्तारी हुई
’ 19 जून को पटना से म्व्न् में पहुंची दो छात्राओं से पूछताछ हुई
’ 20 जून को डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने दावा किया कि पेपरलीक मामले के मास्टरमाइंड के लिए तेजस्वी की च्। ने कमरा बुक करवाया ,कमरा बुक करने के मामले में दो इंजीनियर समेत 3 को ससपेंड किया गया
’ 20 जून को सरकार ने पेपर लीक मामले की जानकारी आर्थिक अपराध इकाई से मांगी और म्व्न् के ।क्ळ दिल्ली पहुंचे
’ 21 जून को तेजस्वी का जवाब कि मेरे पीएस को पूछताछ के लिए बुला लें,त्श्रक् ने डिप्टी सीएम के साथ आरोपी का फोटो भी जारी किया
परीक्षार्थियों के दुश्मनो की लम्बी सूची
अब आगे बढ़ने पर इस मामले में बिजेंद्र गुप्ता जो 2023 उड़ीसा पेपर लीक मामले में आरोपी है उसका नाम भी सामने आया,उसका नाम बिहार के दानापुर में ठच्ैब् पेपर लीक जांच में भी आ चूका है,बिजेंद्र गुप्ता भी छम्म्ज् घोटाले का मास्टरमाइंड है और नालंदा निवासी संजीव मुखिया जैसे प्रमुख खिलाड़ियों के साथ भी खासा संबंध रखता है,विशाल चैरसिया से भी उसका कॉन्टेक्ट है, जिसे हाल ही में गिरफ्तार किया गया है.पेपर लीक इंडस्ट्री में सालों के अनुभव के साथ बिजेंद्र गुप्ता का दावा है कि सब नेटवर्किंग का खेल है.
अब सवाल ये है कि छम्म्ज् पेपर लीक मामले का किंगपिन संजीव मुखिया की पुलिस को तलाश है.ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि संजीव का उद्देश्य इस बार ज्यादा कमाने का था और ये मामला तकरीबन 100-200 करोड़ का था,इस बात की जानकारी मुखिया का साथी विजेंद्र गुप्ता ने दी जिसका यह भी कहना है कि संजीव मुखिया 100-200 करोड़ का कारोबार करना चाहता था और इसके लिए उसने 700 स्टूडेंट्स का काम लिया था, संजीव मुखिया एक पेपर के बदले 40 लाख रुपए लेता था। इसके लिए संजीव मुखिया सिर्फ बिहार ही नहीं अन्य राज्यों में भी अपना नेटवर्क मजबूत किये हुए है.जांच में यह पता चला है कि जिसको भी प्रश्नपत्र बेचा जाता है, उससे मोटी रकम ली जाती है और सभी को एक दिन पहले किसी खास जगह पर बुलाकर आंसर रटवाया जाता है ताकि, परीक्षा के दिन स्टूडेंट्स आराम से सवाल का जवाब बना सके।