पार्टनर की पालिटिक्स
जब लालू का सामना मोदी से
पार्टनर, तुम्हारी पालिटिक्स क्या है? गजानन माधव मुक्तिबोध के यह शब्द उलझन की स्थिति का भाव बोध कराता है। साम्यवाद और यथार्थवाद के ठोस धरातल से जब वे राजनीति को देखते थे तब राजनीति उन्हें मायावी संसार की तरह दिखती है जहां जमी हुई भीड़ में शामिल लोगों की स्थित बेचैन प्रेत की होती है। आज की स्थिति पहले से बदतर है।
लालू प्रसाद यादव vs. नरेंद्र मोदी ।
लालू यादव के गंवई अंदाज व लोहा सिंह स्टाइल भाषण के सभी मुरीद रहे हैं। लालूजी अपने गंवई अंदाज में बड़े-बड़े नेताओं के गंभीर बयानों की हवा निकालते रहे हैं। लालू यादव के इस कला को भारतीय चिंतकों ने ‘अर्थ विद्रूपण’ या ‘भाव विद्रूपण’ कहा है। कवि कालिदास ने अर्थ विद्रूपण या भाव विद्रूपण मनोरंजक लेकिन घातक बताया है। इसके परिणामों से चक्रवर्ती सम्राटों को सदा बचने की सलाह दी है।
लोकसभा चुनाव के अवसर पर भारत में ‘अर्थ विद्रूपण’ के सहारे फिर से राजनीतिक खेल खेलने का सिलसिला तेज
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इस लोकसभा चुनाव के अवसर पर भारत में ‘अर्थ विद्रूपण’ के सहारे फिर से राजनीतिक खेल खेलने का सिलसिला तेज हो गया है। इंडी गठबंधन तैयार होने के बाद लालू यादव ने चुनावी अभियान शुरू करने के पूर्व नाटकीय अंदाज में गाल फूलाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कहा था कि नरेंद्र मोदी पहले मेरा और मेरे परिवार का 15-15 लाख रूपए भेजो। इतना ही नहीं वे आखें बड़ी करते हुए NARENDRA MODI सरकार को झुठा और जूमलेबाज भी कहते हैं।
लालू यादव के इस आरोप का आधार 7 नवंबर, 2013 को छत्तीसगढ़ के कांकड़ की सभा में गुजरात के मुख्य मंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का भाषण है जिसमें उन्होंनेे कहा था कि ‘‘ देश का जो काला धन विदेश में जमा है, उसके एक -एक पैसे यदि हम ले आएं तो यूं ही एक-एक व्यक्ति को 15-20 लाख रुपए मिल जाएंगे।’’
राजद और कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा सरकार को जुमलेबाजों की सरकार कहा
लालू यादव ने अपनी सुविधा के अनुसार नरेंद्र मोदी के उस बयान से ‘यदि’ शब्द को हटा दिया। यदि शब्द हटते ही इस पूरे बयान का भाव ही विपरीत हो गया। इस बदले हुए वाक्य के आधार लालू ने जनता के बीच कहना शुरू कर दिया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रत्येक मतदाताओं को उनके बैंक खाते में 15 लाख देने का वादा किया था। अब वे अपने वादे से मुकर रहे हैं। उनकी गारंटी का कोई भरोसा नहीं है। भाजपा के लोगों ने जब इसे जुमला कहा तब राजद और कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा सरकार को जुमलेबाजों की सरकार कहना शुरू कर दिया।
असत्य या अर्द्ध सत्य को सत्य की तरह प्रचारित करने के इस प्रयोग को महान कवि और नाटककार कालिदास ने अर्थ विद्रूपण या भाव विद्रूपण कहा है
असत्य या अर्द्ध सत्य को सत्य की तरह प्रचारित करने के इस प्रयोग को महान कवि और नाटककार कालिदास ने अर्थ विद्रूपण या भाव विद्रूपण कहा है। कवि कालिदास ने इसे समाज, राष्ट्र और धर्म के लिए विष तुल्य बताते हुए इससे बचने की सलाह दी है। इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता मालिक है, तो उसे अर्थ विद्रूपण के इस अहितकारी प्रयोग से खुद को बचाना होगा।
अररिया के चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इंडी गठबंधन बनाकर कांग्रेस और राजद ने पिछड़ों व अत्यंत पिछड़ों का आरक्षण छिनकर उसे अपने वोट बैक यानी मुसलमानों को देना शुरू कर दिया है।
कर्नाटक से शुरू उनका यह अभियान पूरे भारत में चलेगा। राजद और कांग्रेस पिछड़ों के लिए नहीं बल्कि अपने परिवार के लिए कुछ भी कीमत चुकाने को तैयार है। मैं भी अत्यंत पिछड़े वर्ग से आता हूं अतः मुझे इनका दर्द मालूम है। अब लालू यादव व उनके पुत्र तेजस्वी यादव राजनीति में नैतिकता की दुहाई देने लगे हैं।