पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा से भाजपा के पूर्व सांसद आरके सिंह ने नीतीश कुमार सरकार की शराबबंदी नीति को आड़े हाथों लिया। उन्होंने इसे पूरी तरह नाकाम करार देते हुए इसे तुरंत हटाने की मांग की है। आरके सिंह का कहना है कि इस नीति से न सिर्फ युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ा है, बल्कि पुलिस और प्रशासन भी इसके चलते गलत दिशा में जा रहा है। उनका मानना है कि राज्य में शराबबंदी फेल हो चुकी है और क्राइम कंट्रोल को छोड़कर अब पुलिस वाले ही शराब बेचवाने में लगे हुए हैं। आरा के बड़हरा में आरके सिंह लोगों की समस्या सुनने पहुंचे थे। इस दौरान सभा मंच से ही उन्होंने मोबाइल पर एक अभियंता को हड़काया। उन्होंने कहा कि सुनने में आ रहा है कि आप कुछ विधायकों के कहने पर टेंडर मैनेज कर रहे हैं। तो सुन लीजिए, हम जेल भेजवा देंगे। पूर्व मंत्री ने सरैया में महिला कॉलेज खोलने के लिए शिक्षा मंत्री से बात कर पहल करने को कहा।
आरा के बड़हरा में एक किसान संगठन के कार्यक्रम में बोलते हुए आरके सिंह ने कहा, “शराबबंदी का एकमात्र फायदा नशा बंद करना था, लेकिन यह फेल हो गया। आज युवा अवैध शराब के धंधे में फंस रहे हैं और नशे की लत बढ़ रही है। इसे हटाना ही बेहतर है। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस शराब माफियाओं को पकड़ने में उलझी रहती है, जिससे दूसरी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। नतीजा यह है कि आज राज्य में अपराध की घटनाएं काफी बए़ गईं हैं। उनके मुताबिक, शराबबंदी के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है, जबकि धरातल पर हालात बदतर हैं।
आरके सिंह ने नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि शराबबंदी को लागू करने का तरीका गलत है। सरकार के पास इस नीति को सही तरीके से संभालने का प्रबंधन नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सही मैनेजमेंट होता तो शराबबंदी कामयाब हो सकती थी, लेकिन अभी यह सिर्फ कागजों पर चल रही है। इसके साथ ही, उन्होंने किसानों की जमीन और महिला कॉलेज जैसे मुद्दों पर भी सरकार को घेरा और विकास के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही। आरके सिंह ने कहा कि हम जनता के हितों की अनदेखी किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते। अगर किसी व्यवस्था में जनता का अहित किया जाएगा, तो हम उसे बदलने का भरसक प्रयास करेंगे। हमारे लिए हमेशा से ही जनता का हित सर्वोपरि था और आगे भी रहेगा।