सहरसा में आज सोमवार की सुबह एक वकील की हत्या से हड़कंप मच गया। अपराधियों ने वकील को घर से कोर्ट जाने के दौरान रास्ते में गाली मार दी। मौके पर वकील को कमर और सीने में गोलियां लगी। जानकारी मिली है कि वारदात को सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर में अंजाम दिया गया है। वकील की पहचान सिमरी बख्तियारपुर निवासी एडवोकेट दुलारचंद शर्मा के रूप में की गई है। घटना के वक्त वकील साहब सहरसा कोर्ट जाने के लिए ट्रेन पकड़ने वास्ते सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन जा रहे थे। परिजनों बताया कि वकील दुरालचंद सहरसा सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। इस वारदात ने इलाके में सनसनी फैला दी है और मृतक के परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है।
सिमरी बख्तियारपुर भौरा गांव के पास घटना
वकील के घरवालों ने बताया कि वकील साहब रोजाना की तरह आज भी कोर्ट जाने के लिए घर से निकले थे। लेकिन रास्ते में ही अपराधियों ने उनको घेरकर गोली मार दी। सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के भौरा गांव के पास अज्ञात बदमाशों द्वारा उनको घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। इस फायरिंग में वकील दुलारचंद शर्मा गिर गए। गोलियों की आवाज सुन जब तक लोग पहुंचे, तब तक अपराधी भाग निकले थे। स्थानीय लोगों ने घायल वकील को सरकारी अस्पताल पहुंचाया जहां से उन्हें सहरसा रेफर कर दिया गया। लेकिन जब वे सहरसा अस्पताल पहुंचे तो वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
घटना के बाद से सहरसा कोर्ट के अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश है। उन्होंने अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर न्यायिक कार्य के बहिष्कार की बात कही है। घटना के बाद मौके पर पहुंची सिमरी बख्तियारपुर थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि वकील दुलारचंद को दो गोली मारी गई थी। घटना का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। जांच के बाद कुछ पता चल पाएगा। पुलिस का मानना है कि हत्या का कारण पुरानी रंजिश हो सकती है, लेकिन मामले की तहकीकात जारी है।
जमीन विवाद और पुरानी रंजिश बनी हत्या की वजह
अधिवक्ता के बेटे प्रिंस कुमार ने बताया कि उनका परिवार लंबे समय से पड़ोसियों के साथ जमीन विवाद से जूझ रहा था। पांच-छह साल पहले उनकी बहन की भी हत्या कर दी गई थी, जिसे जलाकर मारा गया था। इस घटना के पीछे भी उसी जमीन विवाद और पुरानी रंजिश को कारण माना जा रहा है। आरोपी राजकुमार यादव और उनके साथियों पर जमीन घेरने का आरोप भी है, जिसके चलते दुलारचंद शर्मा काफी समय से परेशान थे।