शिक्षक भर्ती टीआरई-4 परीक्षा से पहले इसमें शामिल होने की पात्रता के लिए जरूरी STET परीक्षा आयोजित करने की मांग को लेकर आज गुरुवार को पटना में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। भिखना पहाड़ी और पटना कॉलेज से निकले छात्रों के जुलूस को जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने रोक दिया। जब छात्र आगे बढ़ने लगे तो उन्हें दौड़ा—दौड़ा कर पीटा गया। लाठीचार्ज में कई छात्र और छात्राएं घायल हो गए हैं। पुलिस ने महिला प्रदर्शनकारियों को भी नहीं छोड़ा और उन्हें भी सड़क पर घसीट—घसीट कर पीटा। आक्रोशित छात्रों का कहना था कि वे सिर्फ पात्रता मांग रहे हैं, नौकरी नहीं। जब सरकार डोमिसाइल दे सकती है तो शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने की अनिवार्य शर्त्त STET पात्रता परीक्षा क्यों नहीं करा सकती है।
सरकार पर हक मारने और धोखा देने का आरोप
छात्र काफी भड़के हुए हैं और सरकार पर उनका हक मारने का आरोप लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश ने हाल में यह ऐलान किया कि बिहार में सरकार बहुुत जल्द शिक्षक भर्ती की टीआरई-4 परीक्षा कराने जा रही है। लेकिन इससे पहले STET 2025 की परीक्षा अब तक नहीं ली गई है। STET एक पात्रता परीक्षा है जिसे पास करना शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य होता है। अब ऐसे में सरकार टीआरई 4 पर तो चुनाव से पहले परीक्षा करा लेने की बात कह रही है, लेकिन STET पर कुछ नहीं बोल रही। इससे परेशान होकर आज गुरुवार को छात्रों ने सरकार के खिलाफ राजधानी पटना में जमकर प्रदर्शन किया। भारी संख्या में छात्र सड़क पर उतरे और नारेबाजी करते हुए भिखना पहाड़ी से पटना विवि होते हुए गांधी मैदान की ओर बढ़ने लगे। इससे पूरा अशोक राजपथ जाम हो गया। छात्रों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थी और वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने छात्रों को रोका। कुछ छात्र बैरिकेडिंग पर चढ़ गए और नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे। इसी के बाद पुलिस से उनका टकराव हुआ और पुलिस ने लाठियां भांजनी शुरू कर दी।
दो वर्ष से नहीं आयोजित हुआ STET
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था कि बिना STET टीआरई-4 कराना छात्रों और बेरोजगार युवाओं के साथ सरकार का एक छलावा है। छात्रों ने पटना के भिखना पहाड़ी से अपना आंदोलन शुरू किया था। आक्रोशित छात्रों का कहना था कि वो गांधी मैदान से होते हुए डाक बंगला चौराहा और फिर मुख्यमंत्री आवास तक जायेंगे। छात्रों की मांग थी कि शिक्षा विभाग की कार्यशैली में पारदर्शिता हो और टीआरई 4 परीक्षा से पहले हर हाल में STET की परीक्षा ली जाए। एक प्रदर्शनकारी छात्र ने बताया कि सरकार पिछले डेढ़ साल से STET परीक्षा नहीं करा रही और इसे टालती आ रही है। अब चुनाव आ गया है तो छात्रों के वाजिब हक को मारा जा रहा है। जबकि इसी सरकार ने हर वर्ष 2 बार STET परीक्षा कराने का वादा किया था।
5 लाख छात्रों के भविष्य से खिलवाड़
विदित हो कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने बहुत जल्द टीआरई 4 परीक्षा कराने का निर्देश दिया है। लेकिन बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा (BPSC TRE 4) में शामिल होने के लिए STET पास करना जरुरी होता है। अगर किसी उम्मीवार के पास STET पास का सर्टिफिकेट नहीं है तो वो उम्मीदवार BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा में बैठने के लिए योग्य नहीं है। बिहार के शिक्षा विभाग ने वर्ष 2023 में ही STET की परीक्षा करवाई थी और कहा था कि हर साल 2 बार STET की परीक्षा आयोजित कराई जाएगी। लेकिन वर्ष 2025 में अब तक एक बार भी STET की परीक्षा नहीं कराई गई है। इससे दो सत्रों 23—24 और 24—25 से बीएड और एमए बीएड कर चुके छात्रों को STET में भाग लेने का मौका नहीं मिला है। इस कारण करीब 5 लाख ऐसे छात्र जो बीएड और एमए बीएड कर चुके हैं, उन्हें BPSC TRE 4 की परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। इसी को लेकर छात्र राजधानी पटना की सड़कों पर जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं।