जमीन के असली मालिक को उसका हक दिलाने के लिए सरकार प्रदेश में भूमि सर्वे करा रही है। इसका मकसद यह है कि भूमि विवाद के सारे झगड़े खत्म हो जाएं। सर्वे के दौरान कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें जमीन के मालिकों के बीच पुश्तैनी भूमि का बंटवारा सिर्फ मौखिक तौर पर घरेलू बंटवारे से हुआ है। उनके पास इसका कोई कागज नहीं है। ऐसे में उन्हें सर्वे के दौरान दिक्कत हो सकती है।
मौजूदा सर्वे में मौखिक बंटवारा मान्य नहीं है। इसके लिए सभी फरीक या भाइयों और बहनों के हस्ताक्षर वाला एक दस्तावेज और अगर किसी भाई की मृत्यु हो चुकी है तो उसके सभी बच्चों के हस्ताक्षर वाला पेपर होना ही चाहिए। क्योंकि सर्वे करने वाले कर्मी केवल कागजों के आधार पर ही वे अपने काम को आगे बढ़ायेंगे।
ऐसे में अगर बंटवारा सिर्फ मौखिक तौर पर हुआ है तो इसके लिए आपको तमाम फरीक को मिलकर एक कागज पर मौखिक बंटवारे का उल्लेख और अपनी—अपनी चौहद्दी बताते हुए आवेदन करना होगा। इस आवेदन पर सभी फरीक का दस्तखत भी जरूर होना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो सर्वे अधिकारी मौखिक बंटवारे को नहीं मानेंगे और जमीन को सभी भाइयों के नाम कर देंगे। अगर अब तक किसी भाई ने मौखिक बंटवारे के बाद जमीन बेची है तब भी सारी जमीन सभी भाइयों में बराबर बांद दी जाएगी।