बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी और सहयोगी जदयू नेता नीतीश कुमार मुखर होकर राजद सुप्रीमो लालू यादव के ‘परिवारवाद’ पर चोट कर रहे हैंं। ऐसा यूं ही नहीं है। लालू के दोनों बेटे और एक बेटी मीसा तो पहले से ही राजनीति में सक्रिय हैं। अब मौजूदा संसदीय चुनाव में लालू की दूसरी बेटी रोहिणी और उसके बाद, दामाद जी भी मैदान में उतर आये हैं। यानी लालू परिवार से कुल पांच लोग अब देश की दशा और दिशा तय करने के लिए मैदान में सामने आ चुके हैं।
चुनावी मैदान में लालू कुनबे का तीसरा शख्स
2024 संसदीय चुनाव में लालू कुनबे से नई इंट्री यूपी की कन्नौज सीट से दामाद तेजप्रताप यादव के रूप में हुई है। लालू के दामाद और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में फिर से उतरने जा रहे। हाल तक कन्नौज सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही थी। लेकिन अब सपा ने साफ कर दिया है कि इस सीट पर लालू यादव के दामाद तेज प्रताप यादव चुनाव लड़ेंगे।
बेटियां मीसा और रोहिणी पहले से रण में
लालू प्रसाद की दो बेटियों मीसा भारती और रोहिणी आचार्य को राजद 2024 लोकसभा चुनाव में पहले ही उम्मीदवार घोषित कर चुका है और वे प्रचार में भी सक्रिय हो गईं हैं। मीसा भारती अभी राजद की तरफ से राज्यसभा सांसद हैं और वे पाटलिपुत्र सीट से संसदीय चुनाव लड़ रही हैं। वहीं रोहिणी आचार्य पहली बार सक्रिय राजनीति में उतरी हैं। वह छपरा लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। लालू प्रसाद के दो बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी यादव राजद के विधायक हैं।
बिहार में एनडीए के निशाने पर परिवारवाद
2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री अब तक चार रैलियां कर चुके हैं और इन सभी में लालू का परिवारवाद मेन टार्गेट पर रहा है। पीएम मोदी ही नहीें, ल्रगे हाथ जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने भी लालू के ‘ज्यादा संतान’ होने को लेकर उनपर कटाक्ष किया था। बिहार के चुनावी थीम को अगर एनडीए के नजरिये से परखा जाए तो साफ है कि आने वाले सभी चरणों के चुनाव में बिहार में एनडीए लालू के ‘परिवारवाद’ को प्रमुखता से टार्गेट करेगा।
लालू कुनबे का एनडीए पर पलटवार
लेकिन दूसरी तरफ राजद का लालू कुनबा भी ‘परिवारवाद’ वाले हमले का माकूल जवाब देने के मूड में है। खासकर लालू की बेटियां मीसा और रोहिणी इस आरोप पर सीधे जहां पीएम मोदी पर हमलावर हैं तो लालू पुत्र तेजस्वी के निशाने पर नीतीश कुमार। चुनावी चर्चाओं की बात करें तो लोग ‘परिवारवाद’ को बड़ा मुद्दा तो मानते हैं, लेकिन वे दबी जुबान यह भी कह जाते हैं कि अगर राजद सुप्रीमो लालू यादव की किस्मत वापस पटरी पर लौटी तो दो बेटियां मीसा भारती, रोहिणी आचार्य और एक दामाद तेज प्रताप यादव के साथ कुल तीन सांसदों से उनका घर राजनीति का मुख्य केंद्र बना रहेगा।