राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा नीतीश कुमार को एक बार फिर अपने साथ आने का ऑफर देने के बारे में जब आज पटना में जदयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह से पूछ गया तो वे झुंझला उठे। उन्होंने तपाक से कहा कि “छोड़िए न लालू जी क्या बोलते हैं… लालू जी क्या नहीं बोलते हैं…। ये लालू जी से जाकर पूछिए। हम लोग एनडीए में हैं और मजबूती से हैं।” इस सवाल पर कि तेजस्वी यादव कह रह रहे हैं कि नए साल में नई सरकार बनाएंगे। इस पर ललन सिंह ने कहा, “छोड़िए न, कौन क्या बोलता है उस पर हम प्रतिक्रिया देते रहें?” ललन सिंह ने इसके साथ ही नीतीश कुमार को लेकर मीडिया में कुछ दिनों से चल रही अटकलों को भी बकवास करार देते हुए जदयू का स्टैंड साफ कर दिया।
आज पटना एयरपोर्ट पर जब लालू यादव के बयान पर ललन सिंह से पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने पत्रकारों को ऐसे बयानों को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की सलाह दी। तेजस्वी यादव के नई सरकार बनाने के दावे पर ललन सिंह ने कहा कि बोलने के लिए सभी को आजादी है। कौन क्या बोलता है…मैं सभी पर क्या प्रतिक्रिया देता रहूं। कौन क्या बोलता है। बोलने के लिए आजादी है। आजादी है, फ्रीडम है तो कोई कुछ भी बोलता रहे।
कल बुधवार को नए साल और राबड़ी देवी के जन्मदिन के मौके पर लालू प्रसाद यादव ने साक्षत्कार में कहा था कि अगर नीतीश कुमार एक बार फिर से उनके साथ आते हैं और अपनी गलती मानते हैं तो वह उन्हें माफ कर देंगे और गले लगाएंगे। लालू यादव ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार को माफ करना उनका ही फर्ज है। लेकिन यक्ष प्रश्न यह है कि जहां एक तरफ लालू यादव ने सीएम नीतीश कुमार को ऑफर दिया तो दूसरी ओर तेजस्वी यादव भी नए साल में नई सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। तेजस्वी यादव अपने बयान से कई बार यह साफ कर चुके हैं कि नीतीश कुमार के साथ अब वो नहीं जाने वाले हैं।