पटना : अपने तीसरे कार्यकाल के प्रथम स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से पीएम मोदी ने विकसित भारत को जो रोड मैप प्रस्तुत किया उसमें भारत की आबादी केंद्र में है। जनसंख्या को अभिशाप के बदले वरदान में बदलने का संकल्प है। पूर्व की तुलना में कम सीटों से प्रधानमंत्री बनने के बावजूद नरेंद्र मोदी के तेवर कम नहीं हुए हैं। तुष्टीकरण की राजनीति हो या भ्रष्टाचार, परिवारवाद हो या पड़ोसी देश की समस्या सब मुद्दों पर वे अपने पूर्व की नीति पर दृढ़ दिखे।
पीएम मोदी ने कहा कि देश में सेक्युलर कोड की जरूरत है। अभी सिर्फ कम्युनल कोड चल रहा है। पीएम मोद के भाषण में विज्ञान और मेडिकल पर विशेष जोर रहा। भारतीय न्याय संहिता का भी प्रधानमंत्री ने जिक्र किया. उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, इस दिशा में भी हमने काम किया है। हमने देशवासियों के लिए 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया, ताकि कानूनों के जंजाल में देशवासियों को फंसना न पड़े।
‘विकसित भारत 2047’
लालकिले से उन्होंने कहा कि अगर 40 करोड़ लोग गुलामी की बेड़ियां तोड़कर आजादी हासिल कर सकते हैं, तो जरा सोचिए कि 140 करोड़ लोगों के संकल्प से क्या नहीं हासिल किया जा सकता है। हम अपने संकल्प से भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में सक्षम हैं। ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं। लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना शामिल है।
नए भारत के लिए रोडमैप प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहाकि वह दिन अब दूर नहीं है, जब भारत इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग का हब होगा। विश्व के बहुत सारे उद्योगपति भारत में निवेश करना चाहते हैं। मैं राज्य सरकारों से अपील करता हूं कि आप निवेशकों को आकर्षित करने के लिए स्पष्ट नीति निर्धारित करें, कानून-व्यवस्था के संबंध में उन्हें आश्वासन दीजिए। राज्यों के बीच निवेशकों को अपनी तरफ खींचने के लिए प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए।
मोदी ने बड़े अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों को सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारतीय मूल के सीईओ की चर्चा करते हुए यह विश्वास दिलाया कि यह शदी भारत का है। जहां हमारे सीईओ वैश्विक मान्यता प्राप्त कर रहे हैं, वहीं एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन रही हैं। सरकार ने इन समूहों को 10 लाख से 20 लाख रुपये आवंटित करने का फैसला किया है.
भारत में 2036 का ओलंपिक
पीएम मोदी ने कहा कि 2036 का ओलंपिक हिंदुस्तान की धरती पर हों। उसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं, आगे बढ़ रहे हैं। भारत ने पिछले साल मुंबई में आयोजित किए गए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) के सम्मेलन के दौरान ओलंपिक मेजबानी की अपनी इच्छा व्यक्त की थी। अगले साल आईओसी के अध्यक्ष का चुनाव होना है और उसके बाद ही 2036 के ओलंपिक खेलों के मेजबान का फैसला लिए जाने की संभावना हैं।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर पेरिस ओलंपिक खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले भारतीय खिलाड़ियों को बधाई भी दी। उन्होंने कहा, आज हमारे साथ तिरंगे झंडे के नीचे वे नौजवान बैठे हैं जिन्होंने ओलंपिक की दुनिया में भारत का परचम लहराया है। मैं अपने देश के सभी खिलाड़ियों को 140 करोड़ देशवासियों की तरफ से बधाई देता हूं। हम नए सपने, नए संकल्प और पुरुषार्थ के साथ नए लक्ष्यों की तरफ बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन ने साबित कर दिया कि भारत बड़े से बड़े कार्यक्रम आयोजित करने में सक्षम है।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। मोदी ने भरोसा जताया कि भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है। हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है, यह समय की मांग है। सरकार किसानों को आधुनिक पद्धतियां अपनाने के लिए हरसंभव मदद दे रही है।
करीब 10 करोड़ नई महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन गई हैं। वह व्यापक सामाजिक बदलाव लाने में योगदान दे रही हैं। हमें यह देखकर गर्व हो रहा है कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। जब महिलाएं आत्मनिर्भर हो जाती हैं तो वे परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया में भाग लेती हैं और यह महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन सुनिश्चित करेगा।
बांग्लादेश पर चिंतित
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते चिंता होना, मैं उसको समझ सकता हूं। मैं आशा करता हू कि वहां पर हालात जल्द ही सामान्य होंगे। खासकर 140 करोड़ देशवासियों की चिंता है कि वहां के हिंदू, वहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हमारा कमिटमेंट है, संस्कार हैं। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा में भारत सहभागी बनेगा,क्योंकि हम मानव जाति की भलाई सोचने वाले लोग हैं।
उन्होंने कहाकि हमारी सरकार ने बड़े रिफॉर्म्स को जमीन पर उतारा है। चाहे गरीब हो, मिडिल क्लास हों, वंचित लोग, बढ़ती शहरी आबादी हो, नौजवानों के सपने हों, उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए हमने रिफॉर्म का रास्ता चुना। इन रिफॉर्म्स के लिए जो हमारी प्रतिबद्धता है वह किसी पिंक पेपर के एडिटोरियल के लिए सीमित नहीं है। हमारे रिफॉर्म्स की ये प्रतिबद्धता है कि वो चार दिन की वाहवाही के लिए नहीं, हमारे रिफॉर्म्स की प्रतिबद्धता किसी मजबूरी में नहीं बल्कि देश को मजबूती देने के इरादे से हैं। रिफॉर्म का हमारा मार्ग एक प्रकार से ग्रोथ का ब्लू प्रिंट बना हुआ है। ये बदलाव हमने राजनीतिक मजबूरी की वजह से नहीं किया है.। नेशन फर्स्ट हमारा संकल्प है।
हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है। हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते जो भारत का भला सोच नहीं सकते हैं। जब तक खुद का भला न हो तब तक उन्हें किसी का भला अच्छा नहीं लगता। देश को ऐसे लोगों से बचना होगा। ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई तीव्र गति से जारी रहेगी।
नालंदा स्पिरिट
बिहार में गौरव का इतिहास रहा है, यहां हमने नालंदा यूनिवर्सिटी का पुर्ननिर्माण किया है। नालंदा यूनिवर्सिटी ने एक बार फिर से काम करना शुरू कर दिया है। लेकिन हमें शिक्षा के क्षेत्र में फिर से एक बार सदियों पुरानी उस नालंदा स्पिरिट को जगाना होगा. नालंदा स्पिरिट को जीना होगा, उस नालंदा स्पिरिट को लेकर के बड़े विश्वास के साथ विश्व की ज्ञान की परंपराओं को नई चेतना देने का काम करना होगा।