उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड यात्रा मार्ग की दुकानों पर नाम लिखे जाने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को अंतरिम रोक लगा दी। योगी और धामी सरकार के इस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने यह रोक लगाई। इस मामले में अदालत ने यूपी, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में NGO एसोशिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की तरफ से चुनौती दी गई है जिसमें इस आदेश को संविधान के आर्टिकल 15 का उल्लंघन करार दिया गया है।
इस मामले में जस्टिस ऋषिकेश राय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की.बेंच ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश में कहा गया है कि दुकानों पर मालिक और कर्मियों पर नाम लिखने का दबाव ना डाला जाए। अब मामले में अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी। अदालत में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यूपी प्रशासन दुकानदारों पर दबाव डाल रहा है कि वो अपने नाम और मोबाइल नंबर दुकान के बोर्ड पर डिस्प्ले करें। कोई भी कानून पुलिस को ऐसा करने का अधिकार नहीं देता। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये स्वैच्छिक है और ये अनिवार्य नहीं है।