जम्मू कश्मीर के गांदरबल में हुए आतंकी हमले में मारे गए सात लोगों में तीन बिहार के रहने वाले थे। आज मंगलवार को इन तीनों के शव पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे। पटना एयरपोर्ट पर जब आतंकी हमले के मारे गए लोगों का शव आया तो माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया। इस हमले में मारे गए तीन बिहारियों में वैशाली के प्रोजेक्ट सेफ्टी मैनेजर 55 वर्षीय फहीमुन नसीर भी शामिल थे। उनका काम पेंटिंग का था जो लगभग समाप्त हो चला था और जल्द ही वो घर आने वाले थे। उनकी मौत की सूचना मिलते ही महुआ अनुमंडल अंतर्गत कटहरा थाना क्षेत्र स्थित पैतृक गांव चेहराकलां अबाबकरपुर में मातम छा गया।
बिहार के सेफ्टी मैनेजर की भी गई जान
इस हमले में वैशाली के फहीमुन नसीर के अलावा जिन दो अन्य बिहारियों का आज शव पहुंचा है उनमें दो मोहम्मद हनीफ और मोहम्मद कलीम मधेपुरा के रहने वाले हैं। अब इन तीनों लोगों के शवों को पटना से उनके पैतृक गांव ले जाया गया है, जहां उन्हें दफनाया जाएगा। मारे गए लोगों के साथ ही काम कर रहे अन्य लोग भी आज पटना पहुंचे हैं जिन्होंने बताया कि शाम सात बजे काम बंद कर वो लोग खाना खाने वाले थे। उसी समय चार नकाबपोश आए और ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे। सभी अपने आश्रयस्थल के अंदर भागे। जब सब शांत हो गया तो वे बाहर निकले तब देखा कि बिहार के तीन लोगों समेत कुल सात लोग वहां मरे पड़े थे।
फहीमुन की पत्नी और बच्चे रांची से रवाना
इधर वैशाली के चेहराकलां अबाबकरपुर में ग्रामीण व स्वजन मायूस और गमगीन हैं। गांव में फहीमुन नसीर की मां इशरत खातून व अन्य स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। फहीमुन की पत्नी, दो पुत्र और दो पुत्रियां रांची में रहती हैं। वे सभी वहां से गांव के लिए चल चुकी हैं। फहीमून करीब 6 साल से कश्मीर में रह रहे थे। वहां वह कंपनी में सेफ्टी मैनेजर थे। उनकी मौत की सूचना से परिवार ही नहीं, पूरे गांव में मातम का माहौल है।
परिजनों ने बताया कि कुछ ही दिन पहले फहीमुन ने फोन पर घर वालों से बात की। अगले महीने नवंबर में ही उनकी भतीजी की शादी तय है। इसलिए उसने नवंबर में घर आने और शादी की खरीदारी करने की बात कही थी। फहीमुन की ड्यूटी जम्मू कश्मीर में चल रहे भारत सरकार की महत्वाकांक्षी Z-Morh Project श्रीनगर-सोनमर्ग टनल में थी।