बिहार के दो नेताओं के बीच बाजी मारने के लिए दिल्ली में घमासान मचा हुआ है। लेकिन जहां भाजपा के मनोज तिवारी लगातार संगठन और आम जनता में पैठ बनाते जा रहे वहीं उनके खिलाफ कांग्रेस कैंडिडेट कन्हैया कुमार के टिकट पर हीं भारी बवाल मच गया है। कन्हैया को टिकट दिये जाने से लोकल कांग्रेस यूनिट में सिर—फुटौव्वल इस हद तक पहुंच गया कि आज रविवार को इसी मुद्दे पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफा दे दिया।
दो गुटों में बंटी कांग्रेस
दिल्ली की उत्तर—पूर्वी सीट से भाजपा ने मनोज तिवारी को तो कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को उतारा है। दोनों ही नेता बिहार के रहने वाले हैं। मनोज तिवारी की भाजपा के स्थानीय संगठन तथा दिल्ली में रह रहे पूर्वी यूपी और बिहार के लोगों पर अच्छी पकड़ है। जबकि कांग्रेस के कन्हैया कुमार को यहां अपनी पार्टी के लोगों का भारी विरोध झेलना पड़ रहा। कन्हैया के विरोध का आलम यह है कि दिल्ली कांग्रेस कार्यालय के बाहर लगे उनके पोस्टरों को भी फाड़ दिया गया है। दो गुटों में बंटती कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल की कवायद भी शुरू कर दी है। इसी कवायद के तहत यह चर्चा है कि यहां से पार्टी कन्हैया का टिकट काट किसी दूसरे को उतार सकती है।
क्यों दिया लवली ने इस्तीफा
खबर है कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली यहां से राजकुमार चौहान को टिकट दिलाना चाह रहे थे। चौहान पार्टी के पुराने नेता हैं और शीला दीक्षीत सरकार में वे मंत्री भी रह चुके हैंं। लेकिन ऐसा नहीं होने से लवली काफी नाराज चल रहे थे। इसबीच खबर यह भी है कि कन्हैया कुमार को कांग्रेस ने एक वरिष्ठ नेता आसिफ मोहम्मद खान की बैकिंग के बाद ही उत्तर—पूर्वी दिल्ली से प्लांट किया। अरविंदर लवली और आसिफ मोहम्मद खान के बीच दिल्ली में कांग्रेस दो गुटों में बंटती दिख रही। इसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में न भुगतना पड़े, इसी को लेकर यह चर्चा गरम है कि पार्टी कन्हैया का टिकट काट सकती है।