-पहाड़ी क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश से आयी थी बाढ़
नवादा : जिले के ऐतिहासिक शीतल जल प्रपात ककोलत में गुरुवार की सुबह 8:00 बजे परिसर में बाढ़ आने के लगभग चार घंटे बाद स्थिति सामान्य हुई। ऐसे में 15 जून से शीतल जलप्रपात ककोलत के दीदार पर लग सकता था। बाढ़ आने के बाद निर्माण कार्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। संभावित तिथि पर ककोलत परिसर का उद्घाटन के लिए डीएफओ प्रतिबद्ध हैं। बारिश के बाद आयी प्राकृतिक बाढ़ से ककोलत में चल रहा निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है। निर्माण सामग्री व टाइल्स को क्षति पहुंची है। कुछ दिन पूर्व बिहार सरकार के पर्यटन विभाग से एक नया अपडेट प्राप्त हुआ था। अगले महीने यानी 15 जून से सैलानियों के लिए ककोलत जलप्रपात को खोल दिया जायेगा, जो पर्यटकों के लिए इस बार विशेष तैयारी की गयी है।
सैलानियों पर कई माह से प्रतिबंध लगा था
पर्यटन विभाग की ओर से सैलानियों के लिए पर्यटक रूम, चेंजिंग रूम, सेल्फी प्वाइंट और टॉयलेट की विशेष व्यवस्था की गयी है, जो फिलहाल सीढ़ियों को दुरुस्त कर अंतिम रूप दिया जा रहा है। परंतु, गुरुवार को अचानक पहाड़ी क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश होने से ककोलत परिसर में बाढ़ आ गयी। गनीमत रही की ककोलत परिसर में हो रहे निर्माण कार्य को लेकर सैलानियों पर कई माह से प्रतिबंध लगा हुआ है, इससे बड़ी अनहोनी टल गयी। इससे पूर्व भी कई बार सैलानियों की मौजूदगी में ककोलत परिसर में बाढ़ आ चुकी है।
चार घंटे बाद बनी सामान्य स्थिति
बताया जाता है कि लगभग सुबह 8:00 बजे ककोलत परिसर में बाढ़ आयी। लगभग चार घंटे बाद स्थिति सामान्य हुई। बाढ़ से निर्माण कार्य में लगे टाइल्स, बाहर रखे मैटेरियल व छोटे-छोटे पत्थरों के बहाव से सीढ़ियों में जो पत्थर का काम चल रहा है, उसे प्रभावित किया है। असमय आये बाढ़ से निर्माण कार्य प्रभावित हुए है। बाढ़ ने निर्माण में लगने वाले कई सामग्री को बर्बाद कर दिया है। इससे कयास लगाया जा रहा है कि जो पर्यटन विभाग के द्वारा 15 जून से ककोलत आने के लिए सैलानियों पर प्रतिबंध हटाने का संकेत दिया गया था, परंतु अब इस पर ग्रहण लग सकता है।
कहते हैं अधिकारी
संभावित तिथि पर 15 जून को ककोलत परिसर का उद्घाटन किया जायेगा। ककोलत परिसर में अचानक आयी बाढ़ से निर्माण कार्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और न ही कोई स्ट्रेक्चर की क्षति हुई है। हां कुछ निर्माण सामग्री बालू, टाइल्स, सीमेंट, पुट्टी बह गये हैं। संजीव रंजन, डीएफओ, नवादा वन प्रमंडल।
नवादा भईया जी की रिपोर्ट