जदयू ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर अपनी आय छुपाने का बड़ा आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से उनकी विधानसभा सदस्यता रद करने की मांग की है। जदयू का कहना है कि तेजस्वी यादव ने अपनी आय छुपाई है और चुनाव आयोग को गलत जानकारी दी। पार्टी प्रवक्ता नीरज सिंह ने कहा तेजस्वी ने चुनाव आयोग को दी जानकारी में जितनी अपनी आय बताई उससे कई गुना ज्यादा का उन्होंने खर्च कर दिया। अब ऐसे में जब उनके पास घोषित आय कम थी तो उससे कई गुना ज्यादा खर्चा उन्होंने कैसे किया। यह साफ—साफ उनके भ्रष्टाचार का नतीजा है। ऐसे में आयोग को उनकी विधायकी छीन लेनी चाहिए और हम इसकी मांग चुनाव आयोग से करते हैं।
तेजस्वी के चुनामी हलफनामों से जुड़ा मामला
जदयू ने इसे तेजस्वी यादव का एक और नया घोटाला बताया है। मामला तेजस्वी द्वारा 2015 और 2020 में दिए गए चुनावी हलफनामों से जुड़ा है। जदयू ने आरोप लगाया कि लालू पुत्र और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से अपनी आय को कम करके दिखाया। इसमें उन्होंने उनके द्वारा लोगों को दिए गए कर्ज की जानकारी छुपाई है। जदयू ने कहा कि तेजस्वी यादव ने पांच साल में 89 लाख रुपये कमाने की बात कही है। लेकिन इस दौरान उन्होंने 4 करोड़ रुपये का कर्ज लोगों को दे दिया। अब जिस व्यक्ति की कुल आय ही 89 लाख हो वह 4 करोड़ कर्ज कहां से दे दिया। जाहिर है कि उन्होंने चुनाव आयोग से अपनी वास्तविक आय छुपाई और इसे कम करके बताया था। ऐसे में उनकी विधायकी जानी चाहिए।
चुनाव आयोग से तेजस्वी पर कार्रवाई की मांग
जदयू नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल भी इस मामले को लेकर चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिला। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से तेजस्वी यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पार्टी ने अपनी शिकायत में कहा है कि लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 123 (2) के तहत तेजस्वी यादव के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जेडीयू नेताओं ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें तेजस्वी यादव के 2015 और 2020 के चुनावी हलफनामों का हवाला दिया गया है।
आय कम और खर्चा ज्यादा, ये चमत्कार कैसे?
जेडीयू नेताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव ने 2015 के चुनावी हलफनामे में अपनी सालाना आय 5.60 लाख रुपये बताई थी। लेकिन उस समय उन्होंने लोगों को 1.13 करोड़ रुपये कर्ज दे रखा था। इसी तरह 2020 के हलफनामे में तेजस्वी यादव ने अपनी सालाना आय 1.41 लाख रुपये दिखाई थी। अगर हर महीने के हिसाब से देखें तो यह 11,812 रुपये महीना होती है। जेडीयू ने सवाल किया है कि जब विधायकों का न्यूनतम वेतन 40 हजार रुपये है, तो तेजस्वी यादव ने इतनी कम आय कैसे दिखाई? यानी कि आय कम और खर्चा ज्याद, ये चमत्कार उन्होंने कैसे किया। इसबीच राजद ने आज बुधवार तक इस मामले कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अब देखना है कि इस मामले में चुनाव आयोग क्या अगला कदम उठाता है।