प्रशांत किशोर ने उपचुनाव के लिए पूर्व में घोषित तरारी और बेलागंज विधानसभा सीट पर अपनी पार्टी का कैंडिडेट बदल दिया है। तरारी में तो इसकी वजह समझ में आती है, लेकिन बेलागंज में ऐसा उन्होंने क्यों किया, यह समझ से बाहर है। हालांकि इसकी घोषणा करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बेलागंज और तरारी के प्रत्याशी अलग-अलग परिस्थितियों के कारण बदले गए हैं। खैर, तरारी से अब किरण देवी जनसुराज की उम्मीदवार होंगी जबकि बेलागंज में अब मो. अमजद प्रशांत किशोर की पार्टी के प्रत्याशी होंगे। पहले तरारी से जनसुराज ने रिटायर्ड ले जनरल एसके सिंह को टिकट दिया था और गया की बेलागंज सीट पर पीके की पार्टी ने प्रो. खिलाफत हुसैन को पार्टी का उम्मीदवार बनाया था।
तरारी में किरण देवी तो बेलागंज में मो. अमजद
बिहार की चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा इस तरह अपनी पार्टी के दो उम्मीदवार बदलने को लेकर सियासी गलियारे में तरह—तरह की चर्चा हो रही है। जनसुराज ने बेलागंज विधानसभा सीट से सबसे पहले प्रो. खिलाफत हुसैन को पार्टी का उम्मीदवार बनाया था। लेकिन अब जनसुराज की ओर से कहा जा रहा है कि खिलाफत हुसैन ने खुद चुनाव लड़ने से असहमति जताई है। इसी के बाद प्रशांत किशोर ने बेलागंज सीट से मो. अमजद को अपना उम्मीदवार बनाया है। दूसरी तरफ तरारी विधानसभा सीट से लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को उम्मीदवार बनाया गया था। लेकिन, उनका वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने के कारण उम्मीदवारी वापस लेनी पड़ी क्योंकि स्क्रूटनी में उनका पर्चा रद हो जाने का खतरा था।
कैंडिडेट बदलने पर क्या कहा प्रशांत किशोर ने
प्रशांत किशोर ने प्रत्याशी बदलने पर कहा कि बेलागंज और तरारी के प्रत्याशी अलग-अलग परिस्थितियों के कारण बदले गए हैं। बेलागंज में अब मो. अमजद और तरारी से किरण देवी उम्मीदवार होंगी। उन्होंने कहा कि इस उपचुनाव में जो पुरानी पार्टी है, उनके लिए चुनाव लड़ना आसान है। लेकिन नए लोगों के लिए चुनाव लड़ना मुश्किल है। पूर्व उपसेना प्रमुख जनरल एसके सिंह ने देश के लिए लड़ा, लेकिन अपने विधानसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ पाये। उनका नोएडा की मतदाता सूची में नाम था। यहां के प्रशासन ने उन्हें चुनाव लड़ने नहीं दिया। हमलोगों ने जिला प्रशासन से काफी अनुरोध किया। काफी कोशिश की। लेकिन, किसी ने एक नहीं सुनी। हमलोगों ने इसे चुनावी मुद्दा नहीं बनाया। जनरल सिंह समेत हमसभी लोगों ने यह फैसला लिया कि किरण देवी को जनसुराज का उम्मीदवार बनाया जाए।
बेलागंज में क्यों नहीं लड़े प्रो. खिलाफत हुसैन
बेलागंज में प्रत्याशी बदलने के बारे में प्रशांत किशोर ने सफाई दी कि यहां उम्मीदवार के चयन को लेकर मीटिंग हुई थी। इसमें सभी लोगों ने मो. अमजद के नाम का सुझाव दिया था। लेकिन, वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। उन्होंने प्रो. खिलाफत हुसैन के नाम का सुझाव दिया। अमजद जी आर्थिक कारणों से चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे। लेकिन, बाद में जब प्रो. खिलाफत हुसैन ने भी घोषणा होने के बाद चुनाव लड़ने से मना कर दिया, तो हमारे अनुरोध पर मोहम्मद अमजद तैयार हो गए । लेकिन इतना स्पष्ट है कि प्रो. खिलाफत हुसैन और पूर्व उप सेना प्रमुख एसके सिंह जनसुराज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं।
जानें कि कौन हैं किरण देवी और मो. अमजद
तरारी सीट से जन सुराज पार्टी की नई उम्मीदवार किरण सिंह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के क्षेत्र में आरा और तरारी में काफी सक्रिय रही हैं। किरण सिंह राजपूत जाति से आती हैं और क्षेत्र में उनकी पहचान स्वयं सहायता समूह से महिलाओं को मदद दिलाने वाली दीदी के तौर पर काफी है। जबकि उनके पति धनबाद कोलफिल्ड से जुड़े हैं। वहीं बेलागंज से जनसुराज के नए उम्मीदवार मो. अमजद एक पूर्व मुखिया और राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। वह 2005 और 2010 में भी बेलागंज से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।