बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ में धूमधाम से मना स्वतंत्रता दिवस
पटना: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें यह अवश्य सोचना चाहिए कि हम गुलाम क्यों हुए थे? इस प्रश्न का उत्तर जब तक हमारे जेहन में रहेगा, हम फिर से उन गलतियों को नहीं दोहराएंगे, जिसके कारण भारत माता को सदियों तक गुलामी झेलनी पड़ी थी। उक्त बातें पद्मश्री से सम्मानित देश की ख्यातिलब्ध स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. शांति राय ने कहीं। श्रीमती राय बृहस्पतिवार को बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ के परिसर में 78वें स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित मुख्य समारोह को ध्वजारोहण के बाद बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि पूर्व के समय हम आपस में कई टुकड़ों में बंटे हुए थे। जिस, कारण शक्ति संपन्न होने के बावजूद हमें बाहर से आए थोड़े से आक्रमणकारियों ने गुलाम बना लिया। आज हम फिर जातियों में बंटे हुए हैं। आज आवश्यकता है कि हम आपस के जातीय भेद को भूलकर भारत के नागरिक के रूप में एक साथ सोचना होगा। तब, जाकर ही स्वतंत्रता बची रहेगी। हमें यह भी याद रखना होगा कि काले पानी की सजा पाए भारत माता के वीर सपूतों ने कितने कष्ट सहे हैं। तब, जाकर यह स्वतंत्रता प्राप्त हुई है।
वरीय नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. डीएन अकेला ने कहा कि आज का दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानियों को प्रणाम करने व उनसे प्रेरणा लेने का दिन है। श्रीराम कर्मभूमि न्यास के अध्यक्ष कृष्णकांत ओझा ने कहा कि भारत के संविधान निर्माण के समय संविधान सभा में बैठे विद्वत सदस्यों ने भारत की ऋषि परंपरा से मार्गदर्शन लेते हुए ऐसा संविधान रचा कि उसमें भारतीयता का भाव परिलक्षित हो। वयोवृद्ध शिक्षाविद् गिरजा शंकर प्रसाद ने कहा कि आज देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, ऐसे बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ ने विगत सात दशकों से भारत के मानस के अनुरूप कई पीढ़ियों को शिक्षित और संस्कारित करने का पुनीत कार्य किया है। मंच संचालन प्रशांत रंजन ने किया, वहीं धन्यवाद ज्ञापन श्यामनंदन प्रसाद ने किया। इस अवसर पर संयुक्त सचिव सुनिल कुमार तिवारी, एसबीआई के चीफ मैनेजर दामोदर शर्मा, शिक्षाविद् गुणानंद सदा, नित्यानंद राय, संजीव कुमार, बच्चू शर्मा व राजदेव सिंह समेत राजधानी के कई चिकित्सक, शिक्षक, साहित्यकार, पत्रकार, बुद्धिजीवी व विद्यार्थी उपस्थित थे।