दारूबंदी वाले बिहार में शराब और गांजा का धंधा अगर कोई माफिया करे तो यह बात समझ आती है। लेकिन जब यही कारोबार अगर कोई थानेदार करे तो इसपर आश्चर्य होना लाजमी है। गोपालगंज में यही आश्चर्य तब सामने आया जब जिले के एसपी ने तीन—तीन थानेदारों को गांजा और शराब की दुकान चलाने के आरोप में नाप दिया। गोपालगंज एसपी ने जादोपुर, विशंभरपुर और कुचायकोट के थानाध्यक्षों को गांजा और शराब बेचने के आरोप में निलंबित कर दिया है।
ढाई क्विंटल गांजा की जब्ती, बेच दिया 180 किलो
जानकारी के अनुसार जादोपुर थानाध्यक्ष पिंटू कुमार ने कुरियर कंपनी के नाम पर चलने वाले एक वाहन से 250 किलोग्राम गांजा हाल में जब्त किया था। लेकिन स्मार्ट थानेदार ने गांजा तो ढाई क्विंटल जब्त किया, परंतु उसे जब्ती के कागजात में महज 70 किलोग्राम दिखाया। बाकी करीब 180 किलो गांजा को थानेदार ने जादोपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले एक तस्कर के हाथों बेच दिया। इस मामले में गांजा की बरामदगी पर सदर एसडीपीओ ने प्रेस कांफ्रेंस भी किया था।
माफिया के जरिए शराब का कारोबार वाला सिंडिकेट
गोपालगंज के ही एक दूसरे थानेदार ने डायरेक्ट तो नहीं, परंतु एक माफिया के जरिए कमाई का सिस्टम खड़ा कर लिया। बात विशंभरपुर थाने के थानाध्यक्ष मनोज कुमार की हो रही है जिसने शराब माफिया से संपर्क रख अवैध दारू सिंडिकेट को फलने—फूलने दिया और अपनी आंखें मूंदी रखी। पिछले कुछ दिनों से एसपी लगातार थाने के कार्यकलाप की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। हाल ही में थाने में एसपी ने थाना पहुंच खुद जांच की और शराब तस्करों से संपर्क रखने के आरोप में थानेदार को निलंबित कर दिया।
शराब तस्करों से सांठगांठ कर कमाई का आईडिया
इसी तरह कुचायकोट थानाध्यक्ष सुनील कुमार पर भी शराब तस्करों से सांठगांठ का आरोप लगा है। कुचायकोट थाना यूपी बिहार बॉर्डर से जुड़ता है। इसी थाने के अंतर्गत बलथरी चेकपोस्ट भी है। कहा जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से कुचायकोट थानाध्यक्ष पुलिस अफसरों के टारगेट पर भी थे। एसपी अवधेश दीक्षित ने कार्रवाई की जानकारी देते हुए कहा कि हम जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहें हैं। किसी भी पुलिस पदाधिकारी या कर्मी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।