उत्तर प्रदेश के बहराइच के बाद अब बिहार के गया में भेड़ियों के आतंक से लोग खौफ में हैं। यहां खिजरसराय थानांतर्गत मकसूदपुर गांव में भेड़ियों का आतंक इस कदर हावी है कि ग्रामीण शाम होने से पहले ही अपने-अपने घरों में बंद हो जा रहे हैं। यहां भेड़ियों ने अब तक चार लोगों पर हमला कर लहूलुहान कर दिया है। कई मवेशी भी भेड़ियों के शिकार बन चुके हैं। लोगों का कहना है कि गांव के पास स्थित तीन सौ साल से भी अधिक पुराना मकसूदपुर किला इन भेड़ियों का ठिकाना बना हुआ है। वे वहीं से शाम होते ही निकलते हैं और गांव में हमले कर रहे हैं।
दस दिनों भेड़ियों का आतंक, हमले की कई घटनाएं
मकसूदपुर गांव निवासी सतीश ने बताया कि पिछले 10 दिनों से मकसूदपुर किले से भेड़िये समूह में निकल रहे हैं और गांव के आसपास मंडराने लगते हैं। बीती रविवार और सोमवार की रात को एक युवक शौच के लिए जब बाहर निकला तो भेड़ियों ने उसपर हमला कर दिया। जख्मी युवक के शोर मचाने पर गांव के लोगों ने किसी तरह भेड़ियों को लाठी डंडे से खदेड़ा। बीती रात की इसी तरह की एक घटना में गांव वालों ने एक भेड़िये को मार गिराया। एक अन्य घटना में भेड़ियों के हमले में घायल हुई महिला देवंती देवी ने बताया कि घर के बाहर पानी भरने गए थे। इस दौरान भेड़ियों ने हमला कर दिया। भेड़ियों के हमले में घायल हो गए। जब हल्ला करने लगे तो गांव वाले निकले। काफी संख्या में गांव वालों को देख कर भेड़िया भाग गया।
गांव में वन विभाग ने लगाया पिंजरा, लोग असंतुष्ट
मकसूदपुर में भेड़ियों के आतंक की सूचना ग्रामीणों ने जब प्रशासन को दी तब वन विभाग की टीम गांव पहुंची है। अब वन विभाग की टीम भेड़ियों को पकड़ने के लिए गांव में कैंप कर रही है। फिलहाल पिंजरों का सहारा लेकर भेड़ियों को पकड़ने का काम किया जा रहा है। किले की तरफ से गांव में आने के रास्तों पर भेड़ियों को फंसाने के लिए पिंजरा लगाया गया है। पिंजरे के अंदर मांस का टुकड़ा लटकाया गया है। लेकिन वन विभाग की इस कवायद से गांव वाले संतुष्ट नहीं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि भेड़िये समूह में आते हैं। ऐसे में मात्र एक पिंजरे से क्या होगा।