बाढ़ : सुविख्यात “उमानाथ मंदिर-घाट के पास गंगा नदी में हुये नाव हादसे में जहां 13 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर के बचा लिया गया था। चार लापता लोगों में से दो लोगों का शव बरामद कर लिया गया है। एसडीएम शुभम कुमार ने इसके बारे में जानकारी दी है। एनडीआरएफ द्वारा काफी मशक्कत के बाद लापता चार लोगों में दो शव बरामद कर लिया गया है और दो शवों की तलाश जारी है।
इस हृदय विदारक घटना से जहां मृतकों एवं लापता लोगों के परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। नाव हादसा के बाद से ही डीएम शीर्षत कपिल अशोक, ग्रामीण एसपी रौशन कुमार भी उप समाहर्ता पम्मी रानी, नगर थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार सहित पूरी प्रशासन की टीम मौके पर डटी रहे। सूत्रों के मुताबिक नाव हादसे के मृतकों एवं लापता लोगों के परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। मालती गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है।
प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कुछ ही दिनों पूर्व में एनएचआई के आरओ पद से रिटायर्ड हुये (60)अवधेश कुमार सिन्हा एवं (30)नीतीश कुमार का शव बरामद कर लिया गया है। परिवार में किन्ही की मृत्यु के बाद वो सभी शुद्धिकरण के लिये गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने आये थे। गंगा घाट पर काफ़ी भीड़ होने के कारण वे लोग एक नाविक को किराया देकर उस पार (समस्तीपुर घाट) जानें के लिये कहा तो नाविक ने नाव द्वारा उस पार लेकर जाने के बाद उनलोगों ने गंगा स्नान किया और फिर बाढ़ उमानाथ घाट की ओर लौटने लगे तो अचानक बीच मझधार में यह नाव हादसा हो गया।
हालांकि पूर्व में इस तरह के हादसा से प्रशासन कई बार दो चार हो चूका है। फिर भी सबक लेने की बजाय हादसे की पुनरावृति होना वाकई में गंभीर विषय है।यहां आम लोग भी सरकारी नियमों को धत्ता बता कर हादसे को आमंत्रण देने पर आमादा रहा करते हैं।
सर्वविदित है कि बाढ़ अनुमण्डल के सुविख्यात ” उमानाथ मंदिर-घाट सहित अन्य घाटों पर माघ माह की पूर्णिमा और कार्तिक माह की पूर्णिमा, वैशाखी, शिवरात्रि, गंगा दशहरा या फिर विशेषकर पर्व-त्योहार के दिनों में श्रध्दालुओं का भीड़ होना लाजिमी है और इन अवसरों पर प्रशासन कड़ी सुरक्षा निहायत ही जरूरी है, जिससे कि कोई हादसा नही हो सके। वैसे तो अनुमण्डल प्रशासन और आम जनता के बीच का बेहतर समन्वय के साथ प्रायः सभी पर्व-त्यौहार शांतिपूर्ण माहौल में उत्साह के साथ संपन्न हुआ करता है।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट