भारत की तरक्की कुछ आंखों को चुभ रही है। कुछ विदेशी ताकतें भारत के बढ़ते कदम पीछे खींचने में लगी हैं। एक फ्रांसीसी अखबार की हाल में छपी खोजी रिपोर्ट ने जो राज खोले हैं, वह चौंका रहे हैं। इस रिपोर्ट में हुए खुलासों की गूंज आज गुरुवार को संसद में भी सुनाई दी। राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इस रिपोर्ट का जिक्र कर देश विरोधी ताकतों को लेकर आगाह किया। सुधांशु त्रिवेदी ने तो इस कनेक्शन में कांगेस नेता राहुल गांधी पर हुए खुलासे को लेकर उन्हें देशद्रोही तक करार दिया। आखिर इस रिपोर्ट में ऐसा है क्या? आइए जानते हैं।
फ्रांसीसी अखबार का खुलासा क्या है
‘मीडियापार्ट’ एक फ्रांसीसी ऑनलाइन अखबार है जो अपनी स्वतंत्र खोजी रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है। इस अखबार ने इसी माह 2 दिसंबर को एक लंबी खोजी रिपोर्ट छापी। रिपोर्ट दरअसल संगठन ऑर्गनाइज्ड क्राइम ऐंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) को लेकर है। OCCRP खुद को स्वतंत्र खोजी पत्रकारों का नेटवर्क वाला संगठन बताता है। इसने भारत को लेकर भी सनसनीखेज खुलासे किए हैं। इस संगठन को अमेरिकी डीप स्टेट से फंडिग मिलती है और इसके लिंक जॉर्ज सोरोस से हैं जिन्होंने इस समय भारतीय तरक्की की तेज रफ्तार के सूत्रधार देश की कुछ बड़ी कंपनियों के खिलाफ एक मुहिम चला रखी है। इसी मुहिम के तहत अडाणी और अंबानी को लपेटने की कोशिश चल रही है ताकि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की रफ्तार को कुंद किया जा सके।
भारत की रफ्तार रोकने की साजिश
फ्रांसीसी अखबार मीडियापार्ट की खोजी रिपोर्टिंग में दावा किया गया है कि OCCRP को अमेरिकी सरकार के साथ कुछ ऐसे स्रोतों से फंड मिलता है, जो इसकी विश्वसनीयत पर सवाल उठाता है। इस रिपोर्ट में OCCFP के को-फाउंडर के मेल का जिक्र कर यहां तक बताया गया है कि कैसे यह कथित स्वतंत्र पत्रकारों का संगठन अमेरिका विरोधी खबरों को दबा देता है। इस संगठन की साइट पर दानदाताओं का जिक्र जरूर है, लेकिन आर्टिकल में उनका कहीं उल्लेख नहीं होता। जबकि उसके ये लेख उससे प्रभावित रहते हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस संगठन से जुड़े जॉर्ज सोरोस, एल्हान उमर सरीखे भारत विरोधी एजेंडा वाले लोगों से भारत के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी लगातार अपनी विदेश यात्राओं के दौरान मिलते रहे हैं।
राहुल गांधी विदेशी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे
राहुल गांधी इसके साथ ही इस संगठन द्वारा भारत विरोधी इस मुहिम के तहत उछाले गए मुद्दों को भारतीय राजनीति में आगे बढ़ते हुए इनके एजेंडे को ही चलाते नजर आते हैं। भाजपा सुधांशु त्रिवेदी ने फ्रेंच अखबार की इसी रिपोर्ट के आधार पर आज संसद में कहा कि पिछले 3 साल में संसद का सत्र शुरू होते ही भारत के सामरिक, आर्थिक और सामाजिक हित के खिलाफ इस विदेशी संगठन की तरफ से रिपोर्ट जारी की जाती रही है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि एक फ्रेंच पब्लिकेशन ने ऑर्गेनाइज्ड क्राईम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस संगठन को फॉरन फंडिंग मिलती रही है। इसका संबंध जॉर्ज सोरोस के साथ भी है। और जॉर्ज सोरोस से कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार संपर्क में रहे हैं तथा उनसे और उनके परिजनों से अमेरिका जाकर मिलते रहे हैं।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर संसद में उठे सवाल
हिंडनबर्ग की भ्रामक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि 22 जुलाई से 9 अगस्त के बीच संसद का मानसून सत्र हुआ और 10 अगस्त को हिडनबर्ग की रिपोर्ट आई। 25 नवंबर से वर्तमान सत्र शुरू हुआ और 20 नवंबर को एक अमेरिकी कोर्ट में अटॉर्नी की रिपोर्ट जारी हुई। क्या यह एक महज संयोग है? बीजेपी सांसद ने कहा कि 20 जुलाई 2023 को संसद का सत्र की शुरुआत होने वाली थी और 19 जुलाई को मणिपुर का वीडियो सामने आया। क्या यह सब महज एक संयोग ही था। बीजेपी सांसद ने एक के बाद कई रिपोर्ट का जिक्र कर भारत को अस्थिर करने की साजिश का जिक्र किया।