टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू बुधवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। इस भूमिका में यह उनका चौथा कार्यकाल होगा। आंध्र प्रदेश के सबसे सफल मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का राजनीतिक जीवन किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं रहा है।
हैदराबाद को विकास के राह पर ले जाने में नायडू की रही अहम भूमिका
मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान नायडू की छवि एक आर्थिक सुधारक और सूचना प्रौद्योगिकी आधारित आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले नेता की रही है। उन्होंने हैदराबाद को साइबर सिटी के तौर पर विकसित किया और राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया, जिसमें नई राजधानी अमरावती का निर्माण भी शामिल है। उन्हें भावी प्रधानमंत्री के रूप में देखा जाने लगा था।
नायडू का जनता से है विशेष लगाव
ऐसे में उनका सत्ता से हटना, फिर गिरफ्तारी और 52 दिन की जेल ने उन्हें हाशिए में डाल दिया था। लगभग आठ महीने पहले जब वह जेल से बाहर आए तो शायद वह खुद पर भी इतना भरोसा नहीं कर पा रहे थे कि सक्रिय राजनीति में इस तरह लौट पाएंगे, तभी तो उन्होंने कुरनूल की जनसभा में आंध्र प्रदेश की जनता से मार्मिक अपील की कि यदि आप मुझे और मेरी पार्टी को चुनकर विधानसभा भेजते हैं, तभी आंध्र प्रदेश विकास का मुंह देख पाएगा, अन्यथा यह मेरा आखिरी चुनाव होगा। इस अपील ने काम किया और जनता ने उन्हें सत्ता सौंप दी।
चुनावी रण में उतरकर सत्तासीन जगन मोहन रेड्डी को शिकस्त देकर उन्होंने राज्य से लेकर राष्ट्रीय राजनीति के दरवाजे पर जो जोरदार दस्तक दी है। उससे साबित हो गया कि वह वाकई ‘वास्तुकार’ हैं। उन्हें टूटी, बिखरी चीजों समेट कर को बखूबी अच्छा गढ़ना आता है।
राष्ट्रीय राजनीति में दबदबा
राज्य में हार-जीत और राजनीतिक उठा-पटक के बावजूद चंद्रबाबू नायडू का दबदबा कायम था। उनकी नजर पूरी तरह से राष्ट्रीय राजनीति पर थी और उसके लिए वह सुनियोजित ढंग से आगे भी बढ़ रहे थे। वर्ष 1996 और 1998 के चुनाव के दौरान एचडी देवेगौड़ा व आइके गुजराल के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान संयुक्त मोर्चा का नेतृत्व किया है।
वर्ष 1998 में उन्होंने अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार को समर्थन दिया। उन्होंने अटल बिहारी के नेतृत्व में बनीं राजग सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया था। वह राजग के संयोजक भी रहे।
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मुख्यमंत्री बनकर ही सदन में लौटने का दावा किया पूरा
वर्ष 2019 के चुनाव में तेलुगुदेसम पार्टी बुरी तरह से हार गई। विपक्ष के नेता के तौर पर उनकी मौजूदगी थी, लेकिन वर्ष 2021 में परिवार के सदस्य के खिलाफ टिप्पणी के विरोध में नायडू ने विधानसभा से बहिर्गमन किया था और कहा कि वह मुख्यमंत्री बनने के बाद ही सदन में लौटेंगे।
उनकी यह शपथ पूरी होते हुए दिख रही है। स्किल डेवलपमेंट घोटाले में राज्य की सीआईडी ने उन्हें 9 सितंबर 2023 को गिरफ्तार किया। वह लगभग 52 दिन राजा महेंद्रवरम केंद्रीय जेल में रहे।
पवन कल्याण बने डिप्टी सीएम
वही पवन कल्याण ने भी मंत्रिपद की शपथ ली है. उनका सरकार में डिप्टी सीएम बनना तय माना जा रहा है. पवन कल्याण ने 2014 में जनसेना पार्टी का गठन किया था. इस बार उन्होंने बीजेपी और टीडीपी के साथ चुनाव लड़ा. कल्याण की पार्टी ने 21 विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, इन सभी सीटों पर उनके उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है.