पटना एम्स में शिवहर विधायक चेतन आनंद और डॉक्टरों के बीच भिड़ंत मामले में एम्स प्रशासन ने विधायक और उनकी पत्नी तथा बॉडीगार्ड पर FIR दर्ज कराई है। पटना के फुलवारीशरीफ थाने में दर्ज प्राथमिकी में अस्पताल के डॉक्टरों ने इनपर मारपीट और बदसलूकी करने और हथियार लहराने का आरोप लगाया है। घटना के बाद एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए, जिससे अस्पताल की सेवाएं प्रभावित हुईं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। उधर इस मामले में चेतन आनंद ने भी एम्स के सुरक्षाकर्मियों एवं डॉक्टरों के खिलाफ फुलवारी थाने में केस दर्ज कराया हुआ है जिसमें विधायक ने उनसे बदसलूकी और बंधक बनाए जाने का आरोप लगाया है। फिलहाल पुलिस दोनों प्राथमिकी के आधार पर जांच कर रही है।
विधायक के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार दो दिन पहले गुरुवार की रात को एम्स के ट्रॉमा विभाग में एक मरीज के साथ विधायक चेतन आनंद, उनकी पत्नी डॉ. आयुषी और कई लोग पहुंचे थे। नियमानुसार किसी भी मरीज के साथ सिर्फ एक अटेंडेंट को ही अंदर जाने की अनुमति है। आरोप हैं कि जब अस्पताल के गार्ड ने चेतन आनंद के साथ आए अनावश्यक लोगों को रोकने की कोशिश की तो विधायक के बॉडीगार्ड ने सुरक्षाकर्मी पर पिस्टल के बट से हमला कर दिया। आरोप है कि साथ ही ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों और स्टाफ से दुर्व्यवहार कर मारपीट की गई। इस मामले में चेतन आनंद ने भी एम्स के सुरक्षाकर्मियों एवं डॉक्टरों के खिलाफ फुलवारी थाने में केस दर्ज कराया था। उन्होंने गार्ड पर मारपीट और डॉक्टरों को धमकाने एवं बंधक बनाने का आरोप लगाया था।
डॉक्टरों द्वारा विधायक के खिलफ दर्ज प्राथमिकी में एमएलए चेतन आनंद पर रेजिडेंट डॉक्टर आदिल पर हमला करने और सुरक्षाकर्मी का मोबाइल छीनकर तोड़ने का भी आरोप है। डॉक्टरों ने इसे अस्पताल व्यवस्था पर सीधा हमला बताया है। हड़ताल पर जाने से शुक्रवार को ओपीडी, ट्रॉमा और इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित रहीं। डॉक्टरों का दावा है कि इतनी गंभीर घटना होने के बावजूद विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में प्रशासन की तरफ से देरी की गई। उन्होंने एम्स प्रशासन पर स्टाफ की सुरक्षा के लिए कोई भी कदम नहीं उठाने पर भी सवाल उठाए। डॉक्टरों का कहना है कि इस घटना के बाद से उनमें डर का माहौल है और वे लाचार नजर आ रहे हैं।