पटना एम्स के दो डॉक्टरों पर एम्स में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने के आरोप में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की है। दोनों डॉक्टरों का नाम डॉ. कुमार सिद्धार्थ और डॉ. कुमार हर्षित राज बताया जाता है। इनपर आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी में केंद्रीय एजेंसी ने दोनों डॉक्टरों पर धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी दस्तावेज के इस्तेमाल के गंभीर आरोप लगाए हैं। मामले की जांच सीबीआई के एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के डिप्टी एसपी सुरेंद्र देपावत को सौंपी गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि ये दोनों डॉक्टर पटना एम्स के दो बड़े डॉक्टरों के पुत्र हैं। दोनों के पिता ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर इन्हें फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने में मदद की।
फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी पाने वाले इन दोनों डॉक्टरों में से एक डॉ. कुमार सिद्धार्थ: पूर्व में एम्स पटना के रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष और डीन रहे डॉ. प्रेम कुमार के पुत्र हैं। जबकि फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी पाने वाले दूसरे
डॉक्टर हर्षित राज पटना एम्स के तत्कालीन बाल शल्य चिकित्सा विभागाध्यक्ष और वर्तमान में आईजीआईएमएस के निदेशक व बिहार चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिंदे कुमार के पुत्र हैं। डॉ. कुमार सिद्धार्थ पर आरोप है कि उन्होंने एसडीओ पटना सदर की ओर से जारी जाली ओबीसी नॉन-क्रीम लेयर प्रमाणपत्र का इस्तेमाल कर एम्स पटना के फिजियोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद हासिल किया। आरोप है कि उनके चयन के लिए एसोसिएट प्रोफेसर के पद को घटाकर असिस्टेंट प्रोफेसर कर दिया गया, जिससे उन्हें नियुक्ति में लाभ मिला।
इसी तरह सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी पाने वाले दूसरे डॉक्टर हर्षित राज पर आरोप है कि उन्होंने ईडब्ल्यूएस कोटे की सीट को यूआर (सामान्य) श्रेणी में बदलवाकर ट्यूटर/डेमॉन्स्ट्रेटर के पद पर चयन प्राप्त किया। जानकारी के अनुसार डॉक्टर हर्षित राज ने भी पटना सदर एसडीओ से जारी ओबीसी नॉन-क्रीम लेयर प्रमाणपत्र का गलत इस्तेमाल करने की कोशिश की। इस मामले में इन दोनों आरोपी डॉक्टरों के पिता पर भी एक्शन की तैयारी है। एफआईआर दर्ज होने के बाद सीबीआई ने मामले की जांच तेज कर दी है। एम्स प्रशासन से डॉ. बिंदे कुमार और डॉ. प्रेम कुमार की सर्विस बुक की सर्टिफाइड कॉपी तलब की गई है। 22 अगस्त को सुबह 10 बजे यह रिकॉर्ड सीबीआई दफ्तर में पेश करना होगा जिसके बाद रसूख वाले इन डॉक्टर पिताओं के भी खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।