पटना: पटना पुस्तक मेले में चल रहे दस दिवसीय फिल्मोत्सव ‘सिनेमा—उनेमा बाकरगंज’ के नौवें दिन रविवार को फिल्मकार राजेश राज को सम्माति किया गया। पटना पुस्तक मेला के संयोजक अमित झा ने फिल्मकार को प्रशस्ति-पत्र, प्रतीक चिह्न, पौधा आदि देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर राजेश राज ने पिछले 32 वर्षों से जारी अपनी फिल्मी यात्रा की चर्चा की। फिल्मोत्सव के प्रथम दर्शक के रूप प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक डॉ. अजीत प्रधान ने कहा कि सिनेमा, साहित्य, संगीत के संगम के रूप पटना पुस्तक मेला बिहार के सुधिजनों के लिए एक उपहार की भांति है।
मुख्य वक्ता फिल्म शोधकर्ता दिव्या गौतम ने ’21वीं सदी के सिनेमा में स्त्री’ विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि पिछले 100 सालों में सिनेमा में स्त्रियों की भूमिका में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है। सिनेमा की शुरुआत में जहां महिला पात्रों की भूमिका भी पुरुष कलाकार द्वारा निभाए जाते थे वहीं अब महिलाएं न केवल हर प्रकार की भूमिकाएं निभा रही हैं बल्कि अब महिला पात्रों को ध्यान रखकर कहानियां लिखी जा रही हैं। इससे भी बढ़कर अब कैमरे के पीछे महिलाओं की भूमिका बढ़ी है। अब वे फिल्म लेखन से लेकर निर्देशन और सिनेमैटोग्राफी से लेकर एडिटिंग तक में महिलाएं मुख्य भूमिका में हैं।
इससे पूर्व पटना पुस्तक मेला के संयोजक अमित झा ने कार्यक्रम के प्रथम दर्शक डॉ. अजीत प्रधान तथा मुख्य वक्ता दिव्या गौतम को प्रतीक चिह्न, तुलसी पौधा आदि देकर सम्मानित किया। इस दौरान फिल्म कार्बन दिखायी गई। कार्यक्रम का संयोजन रंगकर्मी कुमार रविकांत व मंच संचालन फिल्म समीक्षक प्रशांत रंजन ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म समीक्षक विनोद कुमार, फिल्म विश्लेषक प्रो. जय देव, वरीय रंगकर्मी नीलेश्वर मिश्र, मिथिलेश सिंह , फिल्मकार अंजनी सिंह, फिल्म समीक्षक डॉ. कुमार विमलेंदु सिंह, भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष वरुण कुमार सिंह समेत जनसंचार के विद्यार्थी एवं सिने प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।