सही कंटेंट के अभाव में सिनेमाघरों से बेरुख हुए दर्शक: आनंद प्रकाश नारायण सिंह
हर नई तकनीक आने से सिनेमाघरों को मिलती है चुनौती: आनंद प्रकाश नारायण सिंह
बिहार में रहकर फिल्म बनाना अपने-आप में चुनौतीपूर्ण : राजेश मिश्रा
पटना: पटना पुस्तक मेले में चल रहे दस दिवसीय फिल्मोत्सव ‘सिनेमा-उनेमा बाकरगंज’ के आठवें दिन शनिवार को फिल्मकार राजेश मिश्रा को सम्माति किया गया। पटना पुस्तक मेला के संयोजक अमित झा ने फिल्मकार को प्रशस्ति-पत्र, प्रतीक चिह्न, पौधा आदि देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर राजेश मिश्रा ने फिल्मकार गिरिश रंजन, आरबी सिंह, प्रणव शाही आदि का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार में रहकर फिल्म बनाना अपने—आप में चुनौतीपूर्ण है। इसलिए कौन कितना सफल हुआ या किसकी क्या उपलब्धि रही, इससे अधिक महत्वपूर्ण है कि जिन लोगों ने जीवनभर बिहार में ही रहकर फिल्म निर्माण किया, वे अपने साहसिक कदम के लिए बधाई के पात्र हैं।
मुख्य वक्ता आनंद प्रकाश नारायण सिंह ने ‘संकट में बड़ा पर्दा’ विषय सिनेमाघर उद्योग में अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि समय-समय पर सिनेमाघरों को चुनौतियां मिलती रहीं हैं। पहले टीवी, फिर वीसीपी और बाद में इंटरनेट खासकर ओटीटी के आने से सिनेमाघरों में दर्शकों का आना कम हुआ। लेकिन, तकनीक के अतिरिक्त सही कंटेंट के अभाव में भी दर्शकों ने सिनेमाघरों का रुख कम कर दिया है, क्योंकि उनके अनुकूल मनोरंजन उन्हें उनके स्मार्टफोन में उपलब्ध है। फिर भी फिल्म देखने का असली आनंद सिनेमाघरों में ही है। इसलिए सरकारों को फिल्म नीति बनाते समय फिल्म निर्माण से अधिक ध्यान फिल्म दिखाने की सुविधा विस्तार करने पर देना चाहिए, क्योंकि डिजिटल युग में फिल्म निर्माण सरल हो गया है। लेकिन, बड़े पर्दे पर दिखाना पहले की भांति ही कठिन है। बड़े पर्दे पर संकट के लिए हम दर्शकों को दोष नहीं दे सकते हैं। अगर कुछ परिवर्तन या संशोधन करना है, तो वह सरकार व फिल्म उद्योग के लोगों को करना होगा।
इससे पूर्व पटना पुस्तक मेला के संयोजक अमित झा ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आनंद प्रकाश नारायण सिंह को प्रतीक चिह्न, तुलसी पौधा आदि देकर सम्मानित किया। इस दौरान ‘गंगाजल आपूर्ति’ तथा ‘भागीरथ: दि सैंड मैन’ फिल्में दिखायी गईं। कार्यक्रम का संयोजन व मंच संचालन फिल्म समीक्षक प्रशांत रंजन ने किया। इस अवसर पर फिल्मकार धर्मेश मेहता व उनकी टीम, वरीय रंगकर्मी नीलेश्वर मिश्र, संजीव कुमार, रचना सिंह, रवि राजन समेत जनसंचार के विद्यार्थी एवं सिने प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।