मगध विश्वविद्यालय बोधगया की डिग्री फर्जी तरीके से विदेश में बेचे जाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है।इस संबंध में विवि प्रशासन द्वार दो शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसमें कहा गया है कि म्यांमार में इस तरह की कई फर्जी डिग्रियां बेची गईं हैं। इस सारे कारनामे में लाखों-करोड़ों रुपयों का खेल होने की भी बात कही जा रही है।
इस मामले को लेकर फिलहाल मगध विश्वविद्यालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। प्राथमिकी में दो शिक्षकों को नामजद आरोपित बनाया गया है। मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी शाही ने भी इस मामले की पुष्टि की है।
कुलपति ने जांच का दिया आदेश, बड़ा रैकेट
विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि म्यांमार में फर्जी डिग्रियां बांटी गई हैं। मगध विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन विभाग के दो शिक्षकों ने मानद की डिग्री फर्जी तरीके से बांटी। डिग्री में जो दस्तखत है, वह भी फर्जी हैं और जो डिग्री बांटी गई है वह भी फर्जी है। विवि प्रशासन ने इस सिलसिले में पुलिस से शिकायत की है जिसपर जांच शुरू कर दी गई है। जानकारी मिली है कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी शाही का हस्ताक्षर बनाकर विदेशों में विवि की फर्जी डिग्रियां बांटी गईं। सारा मामला सामने आने के बाद विवि कैंपस में हड़कंप मचा हुआ है। विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर उपेंद्र कुमार ने प्राथमिकी में दो शिक्षकों को नामजद बनाया है।
म्यांमार जाकर विवि के दो शिक्षकों ने बेची डिग्री
विवि के कुलानुशासक प्रोफेसर उपेंद्र कुमार ने कहा है कि मगध विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन विभाग के शिक्षक विष्णु शंकर एवं कैलाश प्रसाद के द्वारा म्यांमार जाकर विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्रीयां बांटने के सबूत आंतरिक जांच में सामने आई। इसके बाद ही एफआईआर दर्ज कराने और पुलिस से जांच कराने का कदम उठाया गया। यह एक बड़ा रैकेट हो सकता है जिसमें लाखों—करोड़ों रुपयों का लेनदेन होने की संभावना है। फिलहाल पुलिस जांच कर रही है। शीघ्र ही सारे रैकेट का भंडाफोड़ हो जाएगा। कुलानुशासक ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया, फेसबुक आदि से विवि प्रशासन को जानकारी मिली कि मगध विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन विभाग में कार्यरत शिक्षक विष्णु शंकर और कैलाश प्रसाद ने बीते 29 सितंबर 2024 को म्यांमार की राजधानी यांगून में जाकर फर्जी तरीके से मगध विश्वविद्यालय की ओर से कई लोगों को मानद की फर्जी डिग्री वितरित की। मगध विश्वविद्यालय के नाम पर अनाधिकृत रूप से मानद डिग्री वितरित करना एक संज्ञेय अपराध है।