अब छात्र-छात्राओं को कक्षाओं में पढ़ाई जाएगी भारत की सांस्कृतिक विरासत की कथाएं
पटना: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ( NEP2020) के अंतर्गत भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय व शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में गुवाहाटी में सेंटर फॉर कल्चरल रिसोर्सेज एंड ट्रेनिंग (CCRT) के परिसर में देश कई राज्यों के कला शिक्षकों का 21 दिवसीय ( 24 जुलाई से 13 अगस्त) राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला चल रहा हैं।
इस कार्यशाला में बिहार , हिमांचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखण्ड, सिक्किम, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों से 10 -10 शिक्षक शामिल हैं।
कार्यशाला में बिहार टीम में सिवान के उत्क्रमित हाई स्कूल सह इंटर कॉलेज शाहपुर, महाराजगंज के संगीत शिक्षक बिपेंद्र कुमार मिश्र सहित चंपारण से चंदन कुमार, मधुबनी से सोनू कुमार रॉय, शिवहर से संध्या रानी, जहानाबाद से अजीत कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर से दीपशिखा पाण्डेय, गोपालगंज से पप्पू कुमार साह, छपरा से अंकित कुमार प्रशिक्षण ले रहे हैं।
बिपेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि इस कार्यशाला में एक भारत श्रेष्ठ भारत के थीम पर भारत की सांस्कृतिक विरासत को छात्र छात्राओं को कक्षाओं में कला के माध्यम से कैसे पढ़ाया और समझाया जाए,इस संबंध में प्रशिक्षण का संबंध अध्यापन कार्य में कला को जोड़ते हुए भारत के विभिन्न क्षेत्रों के संगीत कला, स्थापत्य कला, चित्रकला, मूर्तिकला एवं वास्तुकला का संक्षिप्त परिचय हम सभी शिक्षकों को कराया जा रहा हैं।
बिहार टीम ने प्रस्तुति ने सबका मन मोहा
कार्यशाला के प्रयोगिक सत्रों में अलग-अलग राज्यों के सांस्कृतिक विरासत को भी प्रस्तुत किया जा रहा हैं। इस दौरान बिहार टीम ने
भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के एक अपने राज्य की जीवंत और विविध सांस्कृतिक परंपराओं का प्रदर्शन किया। भारतीय संस्कृति में उनके योगदान को उजागर करते हुए बिपेन्दर कुमार मिश्र के नेतृत्व में बिहार की टीम ने प्रतिष्ठित लोक पर्व छठ पूजा का प्रदर्शन किया, जो सूर्य देव की उपासना करता है और बिहार के गहरे आध्यात्मिक और सामुदायिक मूल्यों का प्रतीक है। छठ पूजा के अलावा, बिहार टीम ने अपने अलग-अलग प्रस्तुति में बिहार के तीन प्रमुख सांस्कृतिक हस्तियों भिखारी ठाकुर , रामधारी सिंह दिनकर व महेंद्र मिश्र को भी श्रद्धांजलि दी।