पटना : बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० एस सिद्धार्थ और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेजों के शिक्षक पढ़ाने आएंगे। कॉलेज के शिक्षकों को रोस्टर बनाकर हर दिन एक घंटा सरकारी बच्चों को पढ़ाना है और 15 वें दिन उन्हें अपनी रिपोर्ट भी जमा करनी है।
बता दें कि मुजफ्फरपुर समेत सभी जिलों के कॉलेजों के प्राचार्य और डीईओ को आपस में समन्वय कर इसे करवाने का जिम्मा सौपा गया है। अपर मुख्य सचिव और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव का कहना है कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में नियमित शिक्षकों के साथ BPSC से भी हाल के दिनों में शिक्षक बहाल हुए हैं। इसलिए उन्हें ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के बच्चों को रोस्टर बनाकर हर दिन एक घंटा पढ़ाना है।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन सभी शिक्षकों को हर 15 वें दिन अपने पढ़ाए हुए रिपोर्ट को भी जमा करनी है। सरकार के महत्वाकांक्षी सात निश्चय कार्यक्रम के तहत सभी जिलों में राजकीय इंजीनियरिंग और पोलिटेक्निक कॉलेज स्थापित हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह से अगर शिक्षक करेंगे तो गांव के बच्चों में भी उच्च शिक्षा को लेकर लालसा पैदा होगी। और ग्रामीण परिवेश में पलने वाले बच्चों में भी कम्पीटशन की भावना आएगी, उनको अच्छा माहौल भी मिलेगा।
पहले भी इस तरह की योजनायें तैयार की गई थी लेकिन, उनको अमल में नहीं लिया गया। लेकिन अब शिक्षकों का रोस्टर तैयार किया जाएगा, ताकी सरकारी स्कूल के सभी बच्चों को लाभ मिल सके। रोजाना सुबह 9 बजे से पहले या शाम 4 बजे के बाद एक घंटा शिक्षक बच्चों को गणित, विज्ञान, रसायन, भौतिकी व अंग्रेजी को सरल तरीके से पढ़ाएंगे। इसमें कक्षा 8वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को शामिल किया जाएगा।