प्रवर्तन निदेशालय ED की एक टीम ने आज गुरुवार की सुबह भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर के घर छापेमारी की। ED के इस एक्शन के दौरान करोड़ों रुपये जब्त किए गए। चीफ इंजीनियर का नाम तारिणी दास बताया जा रहा है। उनके ठिकाने पर छापेमारी के दौरान नोटों का अंबार मिलने की सूचना है जिसके बाद वहां नोट गिनने वाली मशीन मंगाई गई है। यह छापेमारी चीफ इंजीनियर तारिणी दास के पटना में पूर्णेंदु नगर स्थित आवास पर चल रही है। सरकारी टेंडर को मैनेज करने वाले सरकारी अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ ईडी की बिहार में ये बड़ी कार्रवाई है। सर्च के दौरान मिले दस्तावेजों को भी खंगाला जा रहा है।
नोट गिनने वाली मशीन मंगानी पड़ी
बताया जा रहा है कि फिलहाल जब्त किए गए नोटों को गिनने का काम जारी है। ईडी की ये छापेमारी IAS संजीव हंस से जुड़े मामले में हो रही है। पिछले साल अक्टूब महीने में संजीव हंस तब चर्चा में आए जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनको पटना के सरकारी आवास से गिरफ्तार किया था। संजीव हंस तब से सुर्खियों में बने हुए हैं जब पहली बार उनका नाम बिहार के एक टेंडर घोटाले में सामने आया था। उस समय संजीव हंस ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव थे। संजीव हंस 1997 बैच के बिहार कैडर के आईएएस ऑफिसर हैंं।
संजीव हंस पर क्या हैं आरोप?
संजीव हंस बिहार में काफी जाने-माने नाम रहे हैं। अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत उन्होंने एसडीएम बांका से की और बाद में बिहार के कई जिलों में जिलाधिकारी के रूप में तैनात रहे। कई विभागों में सचिव का कार्य संभालने के बाद, संजीव हंस की आख़िरी तैनाती सीएमडी, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के तौर पर थी। लेकिन जब पहली बार ईडी ने उनके घर पर रेड डाला, तो उसके बाद सरकार ने उन्हें विभागों से हटाकर वेटिंग फॉर पोस्टिंग पर रख दिया। संजीव हंस के ऊपर आय से अधिक संपत्ति और एक महिला वकील के साथ शारीरिक शोषण के मामले में भी उनका नाम आ चुका है।