चुनाव आयोग ने बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि SIR की पहली लिस्ट में उनका नाम ही नहीं है। चुनाव आयोग के अनुसार SIR की पहली लिस्ट में तेजस्वी यादव का यह दावा गलत है। मतदाता पुनरीक्षण के बाद जो पहली लिस्ट जारी की गई है उसमें उनका नाम दर्ज है। आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव ने आज शनिवार को मीडिया के सामने वोटर लिस्ट से अपना नाम कटने का दावा करते हुुए जो EPIC नंबर साझा किया है, वो सही नहीं है। आयोग के आंकड़ों के अनुसार यह एपिक नंबर ही अमान्य है। उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल है और वे इस मामले में भ्रम फैला रहे हैं।
चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हो सकता है कि तेजस्वी यादव के पास दो वोटर कार्ड हो। हालांकि, अब इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। अगर तेजस्वी यादव के पास फर्जी कार्ड मिला तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। तेजस्वी यादव के दावे को लेकर पटना के डीएम ने भी एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि कुछ समाचार माध्यमों से यह ज्ञात हुआ है कि माननीय नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम विशेष गहन पुनरीक्षण के प्रारूप मतदाता सूची में नहीं है। इस बारे में जिला प्रशासन द्वारा जांच की गई। इसमें यह स्पष्ट हुआ है कि माननीय नेता प्रतिपक्ष का नाम प्रारूप मतदाता सूची में दर्ज है। वर्तमान में उनका नाम मतदान केन्द्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, क्रम संख्या 416 पर अंकित है। पूर्व में उनका नाम बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, मतदान केन्द्र संख्या 171, क्रम संख्या 481 पर दर्ज था।
विदित हो कि तेजस्वी यादव ने आज शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये दावा किया था कि चुनाव आयोग ने रिविजन के बाद जो वोटर लिस्ट जारी किया है, उसमें उनका ही नाम नहीं है। उन्होंने इसे लेकर कहा है कि चुनाव आयोग के इस पहले ड्राफ्ट में तो मेरा नाम भी नहीं है। जब मैंने अपना नाम चेक करने की कोशिश की तो वहां नो रिकॉर्ड फाउंड का मैसेज आया। अब ऐसे में जब वोटर लिस्ट में मेरा ही नाम नहीं है तो मैं चुनाव कैसे लडूंगा? तेजस्वी ने आगे कहा कि आयोग ने 65 लाख लोगों के नाम काटे हैं, तो क्या आयोग के द्वारा इन लोगों को नोटिस दिया गया है। इस ड्राफ्ट को देखने के बाद ये साफ दिख रहा है कि आयोग टारगेटेड काम कर रहा है।