बिहार के किशनगंज समेंत पश्चिम बंगाल के कोलकाता और बांग्लादेश—पाकिस्तान में आज शुक्रवार को सुबह 10 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके लगते ही लोगों में अफरातफरी मच गई। लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.6 मापी गई है। हालांकि भूकंप का झटका कुछ ही सेकेंड का था जिस कारण कहीं से भी किसी बड़े नुकसान की अब तक खबर नहीं है। लेकिन जैसे ही धरती हिली लोगों में अफरातफरी मच गई। भूकंप के दौरान, लोगों ने अपने घरों में पंखे, दीवार, और घरों के परदे हिलते देखे। इसके बाद वे तुरंत बाहर निकल आए। जानकारी के अनुसार बिहार में केवल किशनगंज जिले में ही भूकंप का झटका महसूस हुआ, लेकिन पश्चिम बंगाल के कोलकाता, नादिया, मालदा और कूच बिहार जिलों में तेज झटके महसूस हुए।
बांग्लादेश में 3 की गई जान
जानकारी के अनुसार भूकंप का केंद्र बांग्लादेश के नरसिंगड़ी से 13 किमी दूर दक्षिण पश्चिम में था और इसकी गहराई करी 10 किमी जमीन के अंदर थी। हालांकि अभी तक कहीं से भी किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल में भी झटके महसूस हुए। भूकंप का केंद्र बांग्लादेश की राजधानी ढाका से 42 किमी दूर नरसिंगड़ी में था। ताजा खबरों के अनुसार बांग्लादेश में भूकंप के कारण अब तक तीन लोगों की जान जाने की सूचना है। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को बांग्लादेश में 5.7 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र बांग्लादेश में था, जिसके चलते लगभग 17 सेकेंड तक धरती डोलती रही और लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए।
क्यों आता है भूकंप?
बता दें, पृथ्वी की चार प्रमुख परतें हैं, जिसे इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट कहते हैं। जानकारी के अनुसार, पृथ्वी के नीचे मौजूद प्लेट्स घूमती रहती हैं, जिसके आपस में टकराने पर पृथ्वी की सतह के नीचे कंपन शुरू होता है। जब ये प्लेट्स अपनी जगह से खिसकती हैं तो भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। भूकंप की तीव्रता अगर ज्यादा होती है तो इसके झटके काफी दूर तक महसूस किए जाते हैं। भूंकप आखिर क्यों आते हैं, इसको समझने के लिए पहले हमें धरती की बनावट को सही से समझना होगा। धरती की बाहरी सतह (जिसमें क्रस्ट और ऊपरी मेंटल आते हैं) 15 बड़ी और छोटी प्लेटों से बनी हुई है। ऐसा नहीं है कि ये प्लेट स्थिर हैं। बल्कि ये बहुत धीरे इधर-उधर घूमती हैं। जब ये प्लेट एक दूसरे के सापेक्ष (आमने-सामने) में मूव करते हुए एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं, तब भूकंप आता है।