राजधानी पटना में आज सोमवार को विधानसभा चुनाव से पहले दरोगा और सिपाही भर्ती परीक्षा कराने की मांग को लेकर सड़क पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। दारोगा अभ्यर्थियों ने आज सुबह पटना कॉलेज से पैदल मार्च निकाला और एक जुलूस की शक्ल में सैकड़ों अभ्यर्थी घेराव करने के लिए मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़ने लगे। लेकिन पुलिस ने डाक बंगला चौराहा पर बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी बीच कई अभ्यर्थी कोतवाली थाने के पास पहुंच गए। वहां पुलिस ने छात्रों को समझाने की भरसक कोशिश की लेकिन वह नहीं रुके। अभ्यर्थी आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे। जब छात्र नहीं माने तब पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
लाठीचार्ज के दौरान पुलिस ने अभ्यर्थियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। अभ्यर्थियों का कहना था कि हमलोगों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। लगभग दो साल से दरोगा बहाली नहीं हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार कई मंचों से घोषणा कर रहे हैं। लेकिन, बीपीएसएससी की ओर से इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जा रहा है। हमलोग के मांगों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। लाठीचार्ज के दौरान एक महिला का पैर टूट गया। कई अभ्यर्थी घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि इन अत्याचारों के बावजूद हमलोग डटे रहेंगे। दरअसल प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने आज मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की योजना बनाई थी। सुरक्षा के मद्देनजर मुख्यमंत्री आवास के आसपास पुलिस बल की तैनाती भी बढ़ा दी गई है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बिहार पुलिस सेवा आयोग और केंद्रीय चयन पर्षद का अपना कैलेंडर जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावों के ऐलान से पहले सरकार दारोगा बहाली का काम पूरा करे। प्रदर्शन में पूरे बिहार से आए युवा शामिल हैं। छात्रों का यह भी कहना था कि उनकी मांगों का उद्देश्य बिहार पुलिस और दारोगा भर्ती प्रक्रियाओं में अधिक पारदर्शिता लाना है। पटना में सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे छात्रों की संख्या इतनी अधिक थी कि जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। लेकिन वे सीधे डाक बंगला चौराहा की तरफ आगे निकल गए। बताया जाता है कि दारोगा के 1817 पदों पर भर्ती दो साल पहले ही घोषित की गई थी। लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।