केंद्रीय कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए केंद्रीय सेवा के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में 2% की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी। यह बढ़ोतरी लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत प्रदान करेगी। इस फैसले से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता (DA) और पेंशनर्स का महंगाई राहत (DR) 53 फीसदी से बढ़कर 55% हो जाएगा। डीए यानी महंगाई भत्ता एक प्रकार का भत्ता है जो सरकार अपने कर्मचारियों को देती है ताकि वे बढ़ती महंगाई के साथ अपने जीवन स्तर को बनाए रख सकें। यह भत्ता कर्मचारी के मूल वेतन का एक निश्चित प्रतिशत होता है और यह समय-समय पर बदलता रहता है ताकि महंगाई के प्रभाव को कम किया जा सके।
जानकारी के अनुसार डीए में यह बढ़ोतरी 7वें वेतन आयोग के तहत की गई है। इससे पहले आखिरी वृद्धि जुलाई 2024 में हुई थी, जब महंगाई भत्ता 50% से बढ़ाकर 53% कर दिया गया था। उदाहरण के लिए अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है तो उसे अब हर महीने 360 रुपये (18,000 रुपये का 2%) ज्यादा मिलेंगे, यानी सालाना 4,320 रुपये का फायदा होगा। रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मार्च महीने के लिए बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा और साथ ही जनवरी और फरवरी महीने का एरियर भी मिलेगा। सेवारत सरकारी कर्मचारियों को डीए मिलता है, जबकि पेंशनभोगियों को डीआर मिलता है।
शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने डीए की दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। एक जनवरी से देय महंगाई भत्ते की दर अब 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठक के बाद हुई प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी दी है। गत वर्ष केंद्र सरकार ने दीवाली पर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते एवं पेंशनरों की महंगाई राहत में तीन फीसदी की बढ़ोतरी की थी। हालांकि केंद्र सरकार के कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि इन भत्तों को तय समय पर जारी न कर केंद्र सरकार, खुद लाभ कमा रही है। कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने बताया, केंद्रीय कर्मियों के लिए महंगाई भत्ते ‘डीए’ की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा जानबूझकर कई माह देरी से की जाती है।