Bihar election news बिहार विधान सभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भाजपा को बड़ा झटका दे दिया है। जेडीयू ने मणिपुर में भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। हालांकि, भाजपा वहां बहुमत से कही ज्यादा है फिर भी जदयू ने उन्हें अपनी 6 सीटों से समर्थन दिया था। लेकिन, अब इसी साल बिहार में विधान सभा चुनाव होना है इससे पहले नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने भाजपा सरकार से अलग होने का फैसला लिया है। तो इसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। वहीँ, इस फैसले को भाजपा पर सीट बंटवारे के लिए दबाव की रणनीति भी समझा जा रहा है।
दो सालों से अशांत चल रहा मणिपुर
मालूम हो कि, मणिपुर में 60 सीटों वाली असेंबली में भाजपा के पास कूल 32 सीटें हैं, मतलब भाजपा बहुमत से कही ज्यादा थी फिर भी 6 सीटों वाली जेडीयू उनके साथ सरकार में थी। एन. बीरेन सिंह भाजपा के मुख्यमंत्री हैं, जिन पर हिंसा को नियंत्रित न करने के आरोप लगते रहे हैं। विपक्ष की ओर से लगातार उन्हें हटाने की मांग होती रही है, ऐसे में बीते करीब दो सालों से अशांत चल रहे मणिपुर में भाजपा के लिए यह झटके की तरह है, जो पहले ही कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष का दबाव झेल रही है।
प्रेशर पॉलटिक्स खेल रहे नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU का मणिपुर से समर्थन वापस लेने के बाद से बिझर में भी सियासी हलचल तेज हो गई है। कारण है कि इसी साल बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। और खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसको लेकर तैयारी में जुटे हुए हैं। लगातार यात्रा भी कर के लोगों से मिल रहे हैं। उनके साथ भाजपा के दो उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी या फिर विजय सिन्हा में से कोई एक यात्रा साथ रहते हैं। दिल्ली विधानसभा में भी एक सीट मिली है। तो अब कयास लगाया जा रहा है कि बिहार में ज्यादा सीट के लिए नीतीश कुमार प्रेशर पॉलटिक्स खेल रहे हैं।